सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

टीवी चैनल की चुनावी चर्चा कार्यक्रम में भिड़े भाजपा-सपा कार्यकर्ता, जमकर हुई हाथापाई


शहर के एक पार्क में एक न्यूज चैनल की ओर से आयोजित चुनावी चर्चा के दौरान भाजपा और सपा के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। आरोप है कि सपा की महिला कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता की गई। इस मामले में भाजपा के चार कार्यकर्ताओं के खिलाफ नामजद तहरीर दी गई है। एसपी ने मामले की जांच सीओ सिटी को सौंपी है।शुक्रवार को शहर के एक पार्क में कौन बनेगा प्रधानमंत्री विषय पर एक न्यूज चैनल की ओर से चर्चा करवाई जा रही थी। इसमें भाजपा से सांसद प्रतिनिधि संजय मिश्रा, सपा से जिला उपाध्यक्ष क्रांति कुमार सिंह, कांग्रेस से जिलाध्यक्ष राघवेंद्र बहादुर सिंह और बसपा से सुरेंद्र पाल वर्मा शामिल थे। वहां मौजूद सपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जब वह सवालों का जवाब देने का प्रयास करते तो कुछ भाजपा कार्यकर्ता भारत माता की जय और मोदी-मोदी के नारे लगाने लगते। इसके बाद भाजपा प्रतिनिधि ने ओयल में खुले ट्रॉमा सेंटर और गन्ना भुगतान को लेकर सरकार को श्रेय दिया। 

इस पर सपा कार्यकर्ता जसकरन राज ने विरोध किया। इसी को लेकर भाजपा कार्यकर्ता उत्तेजित हो गए। जसकरन राज का आरोप है कि भाजपा कार्यकर्ता उन्हें पीटने लगे। सपा महिला सभा जिलाध्यक्ष तृप्ति अवस्थी सहित कई महिलाएं बीच बचाव करने लगीं तो हमलावर हुए कार्यकर्ताओं ने अपशब्द कहे। किसी का दुपट्टा खींचा तो किसी की साड़ी फाड़ दी। सपा महिला जिलाध्यक्ष तृप्ति अवस्थी ने मोबाइल पर एसपी पूनम को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने पर हमलावर वहां से खिसक गए।

इसके बाद सपा कार्यालय पर बुलाई गई प्रेसवार्ता में सपा जिला उपाध्यक्ष क्रांति कुमार सिंह ने कहा कि चर्चा में भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम कार्यकर्ता अरशद को निशाने पर लिया। इस पूरी घटना से भाजपा का मुस्लिम, दलित और पिछड़ा विरोधी मानसिकता उभर कर आई है। वहीं सपा महिला जिलाध्यक्ष तृप्ति अवस्थी ने कहा कि महिलाओं को ऐसे अपशब्द कहे गए, जिसकी वह कभी कल्पना नहीं कर सकती थीं। सपा इस पूरे मामले को चुनाव आयोग और महिला आयोग के पास भी ले जाएगी। 

मामले की तहरीर मिली है। जांच सीओ सिटी से कराई जा रही है। कुछ लोगों ने घटनाक्रम की वीडियो भी बनाई है, उसे भी जांच में शामिल किया जाएगा। आरोपों की पुष्टि होने पर रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्रवाई की जाएगी। 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...