स्वास्थ्य मंत्रालय ने मानव एकता श्रृंखला बनाई; सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा की दिशा में प्रतिबद्धता व्यक्त की
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य दिवस समारोहों के अंतर्गत सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लिए मिलकर कार्य करने और उत्पन्न खाइयों को पाटने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर आज एक मानव एकता श्रृंखला बनाई। विश्व स्वास्थ्य दिवस 2019 का शीर्षक है सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज : सभी के लिए, सभी जगह। आयोजित समारोह में स्वास्थ्य सचिव सुश्री प्रीती सूदन ने कहा कि यह कार्यक्रम जहां कहीं भी आवश्यकता हो, वित्तीय कठिनाइयों के बिना सभी लोगों और समुदायों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सुश्री प्रीती सूदन ने सभी के लिए, सभी जगह सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य करने की शपथ ली।
समारोह में श्री मनोज झालानी (एएस और एमडी), डॉ. एस. वेंकटेश, डी.जी.एच.एस, भारत में डब्ल्यू.एच.ओ. के प्रतिनिधि डॉ. हेंक बेकडम और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि आयुष्मान भारत के दो भाग हैं – प्राथमिक स्वास्थ्य देखरेख के लिए स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती केन्द्र तथा द्वितीय और तृतीयक देखभाल के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) है। इनका संबंध बिना किसी परेशानी के निरंतर बड़ी चुनौतियों से निपटना से है।
सुश्री प्रीती सूदन ने कहा कि सरकार 1,50,000 स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे गांवों और शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को विस्तृत प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि देश में 17,000 से अधिक स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती केन्द्र काम कर रहे हैं और प्रजनन और बच्चों के स्वास्थ्य, संचारी रोगों की वर्तमान सेवाओं के साथ गैर-संचारी रोगों के लिए सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
इस अवसर पर भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. हेंक बेकडम ने कहा कि एक श्रेष्ठ प्राथमिक स्वास्थ्य देखरेख प्रणाली सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज हासिल करने की कुंजी है। इससे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा लोगों तक पहुंचाने द्वितीय और तृतीय स्तर के संपर्कों के साथ स्वास्थ्य केन्द्रों को मजबूत बनाना तथा प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को बेहतर बनाना ताकि वे एहतियाति, प्रोत्साहक, उपचारात्मक तथा पुनर्वास संबंधी सेवाएं प्रभावी तरीके से प्रदान कर सकें।
हर वर्ष 07 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस पर न्याय और एकजुटता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। 1948 में पहली स्वास्थ्य एसेंबली में अपने अस्तित्व में आने और 1950 में प्रभावी होने के बाद से हो रहे समारोह का उद्देश्य विश्व स्वास्थ्य संगठन की चिंता से जुड़े प्राथमिकता वाले क्षेत्र को उजागर करने के लिए एक विशेष स्वास्थ्य शीर्षक को लेकर जागरुकता पैदा करना है। पिछले 50 वर्षों से इसमें मानसिक स्वास्थ्य, मातृत्व और बच्चों की देखभाल तथा जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को लिया गया है।
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