स्टॉक्स की बिक्री (पुनः जारी) के लिए नीलामी


भारत सरकार ने (i) मूल्‍य आधारित नीलामी (पुनर्निर्गम) के जरिए 3,000 करोड़ रुपये (सांकेतिक) की अधिसूचित राशि के लिए 7 प्रतिशत ‘सरकारी स्‍टॉक 2021’ (ii) लाभ आधारित नीलामी के जरिए 3,000 करोड़ रुपये (सांकेतिक) की अधिसूचित राशि के लिए नए सरकारी स्टॉक2026’ (iii) मूल्‍य आधारित नीलामी के जरिए 5,000 करोड़ रुपये (सांकेतिक) की अधिसूचित राशि के लिए नए सरकारी स्टॉक 2039’ (iv) लाभ आधारित नीलामी के जरिए 2,000 करोड़ रुपये (सांकेतिक) की अधिसूचित राशि के लिए नए सरकारी स्टॉक 2039 (v) मूल्य आधारित निलामी के जरिए 4.000 करोड़ रूपये (सांकेतिक) अधिसूचित राशि के लिए 7.72 प्रतिशत सरकारी स्टॉक की बिक्री (जारी/पुनःजारी) की घोषणा की हैं। इसके मद्देनजर 17,000 करोड़ रुपये की सीमा को देखते हुए भारत सरकार के पास उपर्युक्‍त किसी भी स्‍टॉक के सापेक्ष 1,000 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्‍त अभिदान अपने पास रखने का विकल्‍प होगा। एकाधिक मूल्य विधि का उपयोग कर ये नीलामियां आयोजित की जाएंगी। भारतीय रिजर्व बैंक के मुम्‍बई कार्यालय, फोर्ट, मुंबई द्वारा ये नीलामियां 05 अप्रैल, 2019 (शुक्रवार) को आयोजित की जाएंगी।


सरकारी प्रतिभूतियों की नीलामी से जुड़ी गैर-प्रतिस्‍पर्धी बोली सुविधा की योजना के अनुसार स्‍टॉक की बिक्री की अधिसूचित राशि के 5 प्रतिशत तक का आवंटन पात्र व्‍यक्तियों एवं संस्‍थानों को किया जाएगा।


नीलामी के लिए प्रतिस्‍पर्धी एवं गैर-प्रतिस्‍पर्धी दोनों ही बोलियां 05 अप्रैल, 2019 को भारतीय रिजर्व बैंक के कोर बैंकिंग सोल्‍यूशन (ई-कुबेर) सिस्‍टम पर इलेक्‍ट्रॉनिक प्रारूप (फॉर्मेट) में पेश की जानी चाहिए। गैर-प्रतिस्‍पर्धी बोलियां प्रात: 11.30 बजे से लेकर दोपहर 12.00 बजे तक और प्रतिस्‍पर्धी बोलियां प्रात: 11.30 बजे से लेकर दोपहर 12.30बजे तक पेश की जानी चाहिए।


इन नीलामियों के नतीजों की घोषणा 05 अप्रैल , 2019 (शुक्रवार) को ही कर दी जायेगी और सफल बोली लगाने वालों द्वारा भुगतान 08 अप्रैल, 2019 (सोमवार) को किया जायेगा।


भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप ये स्‍टॉक ‘व्‍हेन इश्‍यूड’ ट्रेडिंग के लिए पात्र माने जाएंगे। ये दिशा-निर्देश ‘केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों में कब लेन-देन जारी किए गए’ पर जारी किए गए हैं। इसके लिए दिनांक 24 जुलाई, 2018 को जारी परिपत्र संख्‍या आरबीआई/2018-19/25 देखें, जिसमें समय-समय पर संशोधन होते रहे हैं।


 


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