बरेली। नवरात्र के लिए मां के दरबार को सजाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। शहर के प्रमुख देवी मंदिरों में साफ-सफाई समेत रंगाई-पुताई का कार्य तेजी से चल रहा है। प्रमुख मंदिर प्रशासन के अनुसार पहले दिन मां के दर्शन को काफी तादाद में भक्त उमड़ते हैं, इसलिए उन्हें सकुशल मां के दर्शन कराने के लिए पुजारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिकालीबाड़ी स्थित मां काली के मंदिर, बदायूं रोड स्थित चौरासी घंटा मंदिर, पीलीभीत बाईपास स्थित मां वैष्णो मनोकामना देवी मंदिर, सनसिटी विस्तार स्थित मां जानकी मंदिर, धोपा मंदिर स्थित देवी दरबार समेत अन्य प्रमुख मंदिरों में गुरुवार को साफ-सफाई का दौर शुरू हो गया है। पुजारियों ने बताया कि नवरात्र के प्रत्येक दिन सुबह मां के दरबार को फूलों से सजाया जाएगा। श्रद्धालुओं के दर्शन का सिलसिला सुबह मां के शृंगार और महाआरती के बाद शुरू होगा। प्रत्येक दिन शाम को मंदिरों में महाआरती होगी। इसके बाद मंदिर प्रबंध समिति समेत स्थानीय महिला मंडली की ओर से मां के छंद और कीर्तन का कार्यक्रम होगा। साथ ही, मनोकामना पूरी होने वाले परिवारों की ओर से मंदिर परिसर में पूजन, हवन आदि संपन्न कराए जाएंगे।
पूजन की थाल
ज्योतिषाचार्य पं. नीरज शर्मा ने बताया कि सुबह स्नान के बाद स्वच्छ मन के साथ मां की प्रतिमा को चौकी पर रखने के बाद वस्त्र आदि धारण कराएं। पूजन सामग्री में घी, कपूर, लौंग का जोड़ा, जायफल, नारियल, रोली, सिंदूर, पान का पत्ता, आम के पत्ते समेत अन्य परंपरानुसार सामग्री को रखें। फिर कलश स्थापना के लिए नारियल को पूजन वस्त्र से लपेटकर रखें। परिवार सामूहिक मां की आरती उतारें।
क चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के अभिजीत मुहूर्त में मां की स्थापना और आराधना परिवार के सभी सदस्य एकजुट होकर करें तो ये बेहद फलदायक रहेगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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