यी दिल्ली, - दिल्ली मंडी में सरसों की आवक घटने से शनिवार को सरसों का भाव 10 रुपये प्रति क्विन्टल की तेजी में रहा। बाकी तेल-तिलहनों के भाव लगभग पूर्वस्तर पर ही बंद हुए।
बाजार सूत्रों ने बताया कि सरसों की आवक कम होने से इसके भाव 10 रुपये की तेजी के साथ 3,760-3,770 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
इनके अलावा शेष सभी खाद्य एवं अखाद्य तेलों के भाव पिछले स्तर पर टिके रहे।
शनिवार को दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बंद भाव (प्रति क्विंटल) इस प्रकार रहे...
सरसों बीज- 3,760 से 3,770 रुपये
मूंगफली दाना- 4,480 से 4,660 रुपये
वनस्पति घी (15 लीटर टिन)- 950 से 1,200 रुपये
खाद्य तेल: मूंगफली मिल डिलिवरी (गुजरात)- 9,800 रुपये
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड (प्रति टिन) दिल्ली- 1,710 से 1,750 रुपये
सरसों एक्सपेलर (दादरी)- 7,380 रुपये,
सरसों पक्की घानी- 1,175 से 1,475 रुपये (प्रति टिन),
सरसों कच्ची घानी- 1,375 से 1,525 रुपये (प्रति टिन),
तिल तेल मिल डिलिवरी- 12,000 से 18,000 रुपये,
सोयाबीन रिफाइंड दिल्ली- 8,080 रुपये,
सोयाबीन रिफाइंड मिल डिलिवरी (इंदौर)- 7,900 रुपये,
सोयाबीन डीगम (कांडला)- 6,980 रुपये,
कच्चा पामतेल (सीपीओ) एक्स कांडला- 5,300 रुपये,
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 6,950 रुपये,
पामोलीन (आरबीडी) दिल्ली- 6,600 रुपये,
पामोलीन (कांडला)- 5,980 रुपये,
नारियल तेल- 2,625 - 2,825 रुपये,
अखाद्य तेल- अलसी- 8,900 रुपये,
अरंडी- 10,800 से 11,000 रुपये
नीम- 8,950 से 9,000 रुपये।
खल: मक्का खल- 3,000 रुपये।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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