मुरादाबाद। लोकसभा चुनावों में प्रचार की जंग अपने चरम पर है। जीत के जतन में जुटे प्रत्याशी सुबह से लेकर रात तक धुआंधार प्रचार में जुटे हैं। प्रत्याशियों के परिवारों ने भी मोर्चा संभाल रखा है। किसी का बेटा तो किसी की बेटी चुनाव व्यवस्थाओं की कमान संभाल रही है।कार्यों के बना दिए विभाग
सपा - बसपा गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. एसटी हसन के सहयोग में पूरा परिवार और रिश्तेदार भी जुटे हैं। बेटी डॉ. अनम ने बताया कि पांच भाईयों का संयुक्त परिवार है। इसके अलावा उनके ससुरालीजन, दोस्त, ननिहाल पक्ष और बुआ के घर से भी पूरा सहयोग मिल रहा है। कार्यों को अलग-अलग विभागों में बांट दिया है। आईटी का काम, खाने की जिम्मेदारी सभी संभाल रहे हैं। कार्यक्रम सपा और बसपा के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता मिलकर तैयार कर रहे हैं।
मां ने बना दिया मुरादाबाद का बेटा
कांग्रेस के प्रत्याशी इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि दो छोटे भाई और पिताजी मदद कर रहे हैं। एक भाई की परीक्षा है। मम्मी आने वाली हैं। उन्होंने कहा कि मम्मी सीधी-सादी गृहणी हैं। इसलिए उन्होंने मुझे मुरादाबाद का बेटा बनाकर भेज दिया है। सुबह कोई नाश्ता करा देता है तो दोपहर में किसी के घर खा लेता हूं। रात में भी यही स्थिति रहती है। पूरी दिनचर्या बदल गई है। सोशल मीडिया या तो खुद ही अपडेट कर देते हैं या फिर मीडिया प्रभारी यह काम कर देते हैं। देश के अलग-अलग कोनों से दोस्त भी आ गए हैं।
मेरी लोकसभा ही मेरा परिवार
भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कुंवर सर्वेश सिंह ने कहा कि सुबह से शाम तक भले ही व्यस्तता रहती हो, लेकिन जो भी मुझसे मिलने आता है, उसके लिए कैसे भी समय निकालूं, मिलता जरूर हूं। 18वां चुनाव लड़ने जा रहा हूं, तो अब चीजों को संभालना ज्यादा मुश्किल नहीं लगता है। उन्होंने कहा कि मेरी लोकसभा ही मेरा परिवार है। किसी को कहने की जरूरत नहीं पड़ती है। रिश्तेदार भी पूरा सहयोग कर रहे हैं। अभी पत्नी घर पर देखभाल कर रही हैं। यदि हम सभी बाहर हों, तब भी कोई न कोई घर आने वालों के स्वागत के लिए रहता है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ