ललितपुर। ई-टिकट का लाइसेंस लेकर फर्जी आईडी से रेलवे काउंटर पर टिकटों की दलाली के मामले में साढ़े चार महीने पहले एक आरोपी को गिरफ्तारी के बाद अब इस मामले में आरपीएफ ने दूसरी बड़ी कार्रवाई की है। शनिवार को आरपीएफ ने रेलवे टिकट काउंटर पर तैनात महिला लिपिक प्रतिभा दुबे को गिरफ्तार कर लिया है। आरपीएफ ने यह कार्रवाई मजिस्ट्रेट से मिले वारंट के बाद की है। इसके बाद उसे झांसी ले जाकर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया।
19 नवंबर को रेलवे टिकटों की दलाली की सूचना पर आरपीएफ ने रेलवे स्टेशन से पहले चुंगी तिराहा के पास ई-टिकट बेचने वाले ट्रैवल्स की दुकान पर छापा मारा था। पूछताछ के दौरान ई-टिकट संचालक गांधीनगर निवासी चंद्रदीप पुरोहित ने बताया था कि उसे आईआरसीटीसी द्वारा ई-टिकट जारी करने का अधिकृत लाइसेंस प्राप्त है। उसके पास एक आईडी भी मिली। आरपीएफ ने उसके पास उस समय कुल 75 टिकट बरामद किए थे, जिनमें 17 ई-टिकट और बाकी 58 टिकट रेलवे की विंडों से बनाए गए शामिल थे। इनकी कीमत एक लाख तीस हजार 738 रुपये बताई गई थी। आरपीएफ ने एक लैपटॉप, प्रिंटर व दो मोबाइल फोन भी जब्त किए थे।
आरपीएफ ने टिकट दलाली के मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले की जांच आरपीएफ के एसआई हरीराम यादव को दी गई थी। जांच में टिकट विंडों पर तैनात महिला क्लर्क प्रतिभा दुबे की संलिप्तता पाई गई, जिस पर आरपीएफ ने मजिस्ट्रेट से प्राप्त वारंट के आधार पर क्लर्क को रेल अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। उसे झांसी में रेलवे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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