लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्रों की जांच हुई। इस दौरान पांच उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज हो गए। इसमें प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) लोहिया के संजय सक्सेना भी शामिल हैं। उनकी ओर से पूरे प्रस्तावक प्रस्तुत नहीं किए गए थे।तीसरे चरण के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया चल रही है। गुरुवार को नामांकन दाखिल होने के बाद शुक्रवार को नामांकन पत्रों की जांच हुई। इस दौरान सहायक रिटर्निंग ऑफिसर एवं उप जिलाधिकारी टांडा घनश्याम त्रिपाठी ने सभी नामांकन पत्रों की जांच की। इसमें प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के प्रत्याशी संजय सक्सेना को दस प्रस्तावक देने थे, जबकि उन्होंने महज चार ही प्रस्तावक दिए थे। ऐसे में उनका नामांकन पत्र निरस्त कर दिया गया।
वहीं, जन सेवा सहायक पार्टी के प्रत्याशी जगत सिंह को भी दस प्रस्तावक देने थे, लेकिन उन्होंने प्रस्तावकों में एक अपना नाम भी शामिल कर लिया था, जिसके बाद उनका नामांकन पत्र भी खारिज कर दिया गया। इसके अलावा मुस्लिम मजलिस उत्तर प्रदेश के प्रत्याशी मोहम्मद आजम सैफी, निर्दलीय संजय कुमार अरोड़ा, कृपाल सिंह का नामांकन पत्र भी खारिज हो गया। इनके प्रस्तावक भी पूरे नहीं थे, तो प्रविष्टियां गलत थीं। रामपुर लोकसभा सीट के लिए कुल 17 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए थे, जिसमें से पांच के नामांकन खारिज हो गए। अब 12 प्रत्याशी बचे हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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