वायनाड, देश की निगाहें जिन कुछ प्रमुख लोकसभा सीटों पर हैं उनमें केरल में पश्चिमी घाटों की ढलान पर स्थित वायनाड संसदीय क्षेत्र भी है जिसे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव लड़ने के लिए उत्तर प्रदेश के अमेठी के साथ चुना है।
ब्रिटिश उपनिवेशकों के खिलाफ छापामार संघर्ष करने वाले मशहूर पझासी राजा की सरजमीं पर 23 अप्रैल को होने वाले मतदान में राहुल गांधी का मुकाबला भाकपा के पी पी सुनीर और राजग के तुषार वेलापल्ली से होगा।
वेलापल्ली भारत धर्म जन सेना के उम्मीदवार हैं जो राजग का घटक है।
वायनाड लोकसभा क्षेत्र तमिलनाडु के नीलगिरि और कर्नाटक के मैसूरू क्षेत्र से लगा है। इसमें तीन जिलों में सात विधानसभा क्षेत्र हैं।
इस लोकसभा सीट में कुल मतदाता 13,57,819 हैं जिनमें महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है।
इस सीट का सृजन 2009 में किया गया था और तब से यहां वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एम आई शानवास सांसद रहे जिनका पिछले साल निधन हो गया।
उन्होंने 2009 के चुनाव में भाकपा के एम रहमतुल्ला को डेढ़ लाख वोटों से हराया था। 2014 में उन्होंने भाकपा नेता सत्यन मोकेरी को 20 हजार वोटों के अंतर से पराजित किया।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस नीत यूडीएफ का गढ़ माने जाने वाली वायनाड राहुल गांधी के लिए सुरक्षित सीट है। उनके मुताबिक देखने वाली बात होगी कि यहां जीत का अंतर कितना होता
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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