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फूलपुरः भाजपा, कांग्रेस ने पत्ते खोले, उलझन में गठबंधन


फूलपुर संसदीय सीट से भाजपा और कांग्रेस ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। भाजपा ने तो इलाहाबाद संसदीय सीट पर भी प्रत्याशी उतार दिया है। लेकिन, इन दोनों सीटों पर प्रत्याशी के चयन को लेकर गठबंधन अभी भी उलझन में है। भाजपा ने फूलपुर से केशरी देवी को प्रत्याशी बनाकर सपा और बसपा गठबंधन की चिंता बढ़ा दी है। इसे देखते हुए सपा में हर समीकरण पर चर्चा शुरू हो गई है। पार्टी नेताओं की मानें तो फूलपुर में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राष्ट्रीय दलों ने पटेल बिरादरी पर दांव खेला है। ऐसे में सपा पटेल के अलावा किसी यादव या मुस्लिम प्रत्याशी पर भी विचार कर रही है। पार्टी के अंदरखाने कई नामों पर चर्चा है। नेताओं के अनुसार पार्टी फूलपुर से किसी बड़े नाम पर भी विचार कर रही है। इसमें तेज प्रताप यादव के अलावा फिल्म जगत की दो हस्तियों के नाम पर भी चर्चा है। इलाहाबाद संसदीय सीट से अब तक हुए सभी चुनावों में अगड़ी जाति का सांसद चुना गया है। वहीं फूलपुर के मतदाताओं ने आठ बार पटेल जाति के प्रत्याशी को संसद भेजा है। डॉ.रीता और केशरी देवी को उतारकर भाजपा ने इस समीकरण के साथ अगड़ों और पिछड़ों को एक साथ साधने की कोशिश की है। 

इसके अलावा दोनों ही नेताओं की पिछड़ों के अलावा अनुसूचित जाति के लोगों में भी अच्छी पैठ मानी जाती है। उनकी यह छवि गठबंधन के लिए सीधी चुनौती है। ऐसे में इलाहाबाद से सपा की ओर से राज्यसभा सदस्य रेवती रमण सिंह का नाम तेजी से सामने आया है। पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि डॉ.रीता के कद को देखते हुए रेवती रमण ही बेहतर विकल्प होंगे। वहीं रेवती रमण की क्षेत्र में सक्रियता से इन अटकलों को और बल मिल रहा है। इनके अलावा नरेंद्र सिंह, रईश शुक्ला के नाम की भी चर्चा है। वहीं फूलपुर में उपचुनाव के समीकरण तथा पटेलों की अधिक संख्या को देखते हुए सांसद नागेंद्र सिंह पटेल के अलावा धर्मराज पटेल का नाम भी तेजी से चर्चा में आया है। इनके अलावा तेज प्रताप सिंह यादव, बासुदेव यादव, कृष्ण मूर्ति यादव आदि को प्रमुख दावेदारों में माना जा रहा है।


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