पीएलए (नौसेना) की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय नौसेना के कोलकाता और शक्ति जहाज अंतर्राष्‍ट्रीय बेड़ा समीक्षा (आईएफआर) में भाग लेने के लिए किंगदाओ, चीन पहुंचे



पीएलए (नौसेना) की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय नौसेना के कोलकाता और शक्ति जहाज अंतर्राष्ट्री य बेड़ा समीक्षा (आईएफआर) में भाग लेने के लिए 21 अप्रैल, 2019 को किंगदाओ, चीन पहुंचे। नौसेना के जहाजों के प्रवेश के अवसर पर चीन गणराज्‍य द्वारा  21 तोपों की सलामी दी गई। इन जहाजों का पीएलए (नौसेना) उत्‍तर समुद्री बेड़े के अधिकारियों ने भी स्‍वागत किया। इस अवसर पर नौसेना के बैंड ने अपनी प्रस्‍तुति दी।


   पीएलए (नौसेना) आईएफआर में भारतीय नौसेना की लगातार तीसरी बार  (2009, 2014 और 2019) भागीदारी हो रही है। यह दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच समुद्रीय सहयोग बढ़ाने और दोनों देशों के मध्‍य मित्रता को मजबूत बनाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का प्रदर्शन है। भारतीय नौसेना ने आईएफआर के लिए अपने सबसे बेहतरीन जहाजों की तैनाती  की हैं। इसका उद्देश्‍य मौजूदा सहयोग को मजबूत करना, आपसी विश्‍वास को बढ़ाना, अंतरसक्रियता को बढ़ावा देना और भागीदारी नौसेनाओं की सामूहिक समुद्रीय चिंताओं  को दूर करने के लिए बेहतर तालमेल स्‍थापित करना है।


   बंदरगाह में इनके प्रवास के दौरान निर्धारित गतिविधियों में पीएलए (नौसेना) के विभिन्‍न गणमान्‍य व्‍यक्तियों के साथ औपचारिक मुलाकात और प्रसिद्ध मई फोर्थ स्‍क्‍वॉयर में नौसेना बैंड का प्रदर्शन शामिल है। आईएफआरके विभिन्‍न कार्यों में उद्घाटन समारोह, योजना सम्‍मेलन और टेबल टॉप अभ्‍यास शामिल हैं। भारतीय नौसेना के जहाज 23 अप्रैल को आयोजित नौसेना जहाजों की परेड में शामिल होंगे, जिसकी चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग समीक्षा करेंगे। भारतीय नौसेना के जहाजों के कर्मी अनेक खेल आयोजनों, भागीदारी नौसेनाओं के साथ व्‍यावसायिक आदान-प्रदानों और पीएलए (नौसेना) कर्मियों तथा स्‍थानीय लोगों द्वारा जहाजों की यात्रा करने के कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे। चीन में भारत के राजदूत श्री विक्रम मिश्री पीएलए (नौसेना) के अधिकारियों, आईएफआर में भाग ले रहे शिष्‍टमंडलों के लिए आईएनए कोलकाता में एक स्‍वागत समारोह की मेजबानी करेंगे।


     इन जहाजों ने किंगदाओ में प्रवेश करने से पहले पोर्ट कैम रान बे की सद्भावना यात्रा की थी। इन जहाजों का पूर्वी बेड़े की विदेश तैनाती के एक हिस्‍से के रूप में अपनी वापसी यात्रा के दौरान पोर्ट बुसान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर की यात्रा करने का भी कार्यक्रम है। दक्षिण चीन सागर में वार्षिक विदेशी तैनाती भारत सरकार की 'एक्‍ट ईस्‍ट' नीति का एक महत्‍वपूर्ण पहलू है और भारतीय नौसेना का महासागरों के माध्‍यम से राष्‍ट्रों को एकजुट करने का प्रयास है, जिसके माध्यम से भारत पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ 'सांस्कृतिक आर्थिक और समुद्रीय बातचीत के द्वारा मित्रता का विस्‍तार करना चाहता है।


 


 


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