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पैंसठ परिषदीय स्कूलों के भवनों की हालत खस्ता


ललितपुर। सर्व शिक्षा अभियान में करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जाने के बाद भी सैकड़ों बच्चे जीर्णशीर्ण भवनों में पढ़ाई करने को विवश हैं। इस समय जिले में करीब 65 स्कूलों के भवन खस्ताहाल अवस्था में हैं। इससे अभिभावकों को अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता सताती है।

छह से चौदह वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को जूनियर हाईस्कूल स्तर तक की शिक्षा मुहैया कराने के लिए सर्व शिक्षा अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें हर साल करोड़ों रुपये खर्च किया जाता है। इस राशि से भवनों के निर्माण व मरम्मत सहित बच्चों को सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। इसके बाद भी परिषदीय विद्यालयों के भवनों की स्थिति ठीक नहीं है। वर्तमान में जिले के करीब 65 विद्यालयों के भवन जीर्णशीर्ण अवस्था में पहुंच गए हैं। बात यहीं तक सीमित नहीं है। लगभग 167 विद्यालयों की चहारदीवारी या तो अपूर्ण या फिर निर्मित ही नहीं हुई है।

इसकी सूचना खंड शिक्षा अधिकारियों ने बीएसए कार्यालय को दे दी गई है। विभाग में धनराशि की कमी के कारण ऐसे भवनों का निर्माण प्रारंभ नहीं हो पा रहा है। अब विभागीय अफसर विकल्प के रूप में ऐसे स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा कक्ष बनवाने की योजना बना रहे हैं। अफसरों का कहना है कि आगामी बजट में खंड शिक्षा अधिकारी से प्राप्त सूचना के आधार पर चिह्नित स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा कक्ष बनवाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। यदि इसे भारत सरकार से हरी झंडी मिल जाएगी तो चिह्नित स्कूलों को खस्ताहाल भवन से छुटकारा मिल जाएगा।

बता दें कि जिले में 1050 प्राथमिक एवं 493 उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इसमें नगर के कई विद्यालयों के भवनों की स्थिति बेहतर नहीं हैं। इनमें आदर्श प्राथमिक विद्यालय इसका उदाहरण है। हालांकि, लोकसभा चुनाव के चलते आदर्श आचार संहिता होने से कोई भी इस पर खुलकर बात नहीं कर रहा है। जिससे नवीन शैक्षिक सत्र में बच्चों को खस्ताहाल भवनों से निजात नहीं मिल पाई है।

बीईओ दे सकते है प्रस्ताव
यदि किसी स्कूल में भूमि है और भवन जीर्णशीर्ण है तो खंड शिक्षा अधिकारी अतिरिक्त कक्षा कक्ष के निर्माण का प्रस्ताव दे सकते हैं। मौजूदा समय में स्कूल भवन के लिए धनराशि मिलना मुश्किल है।


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