वाशिंगटन, 27 अप्रैल (भाषा) पाकिस्तान ने अमेरिका से प्रत्यर्पित किए गए और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी वहां रह रहे अपने नागरिकों को वापस लेने से इनकार कर दिया है जिसके बाद अमेरिका ने उस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने चेतावनी दी है कि वह पाकिस्तानियों के वीजा पर रोक लगा सकता है और इसकी शुरुआत उसके वरिष्ठ अधिकारियों से हो सकती हैं।
विदेश विभाग ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान में दूतावास संबंधित कामकाज में अभी के लिए ''कोई बदलाव नहीं'' है लेकिन संघीय रजिस्ट्रर अधिसूचना में उल्लेखित प्रतिबंध के परिणामस्वरूप अमेरिका पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रोक सकता है जिसकी शुरुआत उसके वरिष्ठ अधिकारियों से हो सकती है।
पाकिस्तान उन दस देशों की सूची में नया देश है जिन पर अमेरिकी कानून के तहत प्रतिबंध लागू किए गए है जिसके अनुसार जो देश प्रत्यर्पित किए गए और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी रह रहे अपने नागरिकों को वापस नहीं लेंगे उन देशों के नागरिकों को अमेरिकी वीजा नहीं दिया जाएगा।
हालांकि, विदेश विभाग ने पाकिस्तान पर इन प्रतिबंधों के असर को कम करने की कोशिश की है।
विदेश विभाग के एक प्रवक्ता से जब संघीय रजिस्टर की अधिसूचना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ''पाकिस्तान में दूतावास संबंधित कामकाज में कोई बदलाव नहीं होगा।''
प्रवक्ता ने कहा, ''यह अमेरिका और पाकिस्तानी सरकारों के बीच चल रहा द्विपक्षीय मुद्दा है और हम इस समय बारीकियों में नहीं जा रहे।''
अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी का मानना है कि इससे पाकिस्तान के लिए मुश्किलें पैदा होंगी।
हक्कानी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''इस कदम से पाकिस्तानियों के लिए मुश्किलें पैदा होंगी जो अमेरिका में यात्रा करना चाहते हैं और इससे बचा जा सकता था अगर पाकिस्तानी अधिकारियों ने प्रत्यर्पण की कानूनी अनिवार्यताओं के संबंध में अमेरिका के अनुरोधों को नजरअंदाज नहीं किया होता।''
उन्होंने कहा कि अमेरिका से प्रत्यर्पित किए अपने नागरिकों को स्वीकार करने से पाकिस्तान द्वारा इनकार करना कोई नयी बात नहीं है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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