नयी दिल्ली, (भाषा) निर्वाचन आयोग ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बनी बायोपिक के बारे में अपनी विस्तृत रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को सीलबंद लिफाफे में सौंप दी।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने निर्वाचन आयोग की इस रिपोर्ट को रिकार्ड पर लेते हुये कहा कि इसकी एक प्रति फिल्म निर्माता को भी उपलब्ध करायी जाये। पीठ इस मामले में 26 अप्रैल को आगे सुनवाई करेगी।
शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि वह अपने आदेश पर फिर से विचार करे और पूरी फिल्म देखने के बाद इस मामले में कोई सुविचारित निर्णय ले।
इस मामले में फिल्म निर्माता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील दी थी कि निर्वाचन आयोग ने पूरी फिल्म देखे बगैर ही इसके प्रोमो के आधार पर अपना आदेश दिया है। आयोग ने लोकसभा चुनाव संपन्न होने तक इस फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
निर्वाचन आयोग के वकील अमित शर्मा ने दलील दी थी कि चूंकि पूरी फिल्म उपलब्ध नहीं थी, इसलिए इसका ट्रेलर देखने के बाद ही इसके प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया।
आयोग ने कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों की शिकायत के मद्देनजर इस फिल्म के प्रदर्शन की तारीख से एक दिन पहले ही 10 अप्रैल को इस पर रोक लगा दी थी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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