यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी लोकसभा चुनाव 2019 के लिए 11 अप्रैल को रायबरेली से अपना नामांकन दाखिल करेंगी। इस दौरान कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी उनके साथ रहेंगी। वहीं राहुल गांधी भी 10 अप्रैल को अमेठी से पर्चा दाखिल करेंगे। गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल के वायनाड लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया। कहा जा रहा है कि वायनाड के जरिए राहुल केरल के साथ ही दक्षिण के दूसरे प्रदेश जैसे तमिलनाडु व कर्नाटक को भी साधने के फिराक में हैं।पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उप्र में 73 सीटें जीती थीं। लेकिन कांग्रेस की परंपरागत सीट रायबरेली में उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी। हलांकि सोनिया गांधी स्वास्थ्य कारणों से अपने सांसदीय क्षेत्र में कम ही सक्रिय रहीं पर वहां उनका सिक्का बरकारार है। हाल ही में वहां रायबरेली गईं प्रियंका गांधी ने अपनी मां का भेजा भावुक संदेश पढ़कर लोगों को सुनाया।ऐसे में भाजपा के लिए रायबरेली सीट पर जीत हासिल करना आसान नहीं होगा। माना जा रहा है कि इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस की कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी।वहीं राहुल गांधी अमेठी से लगातार 3 बार सांसद चुने गए हैं। 2004 में उन्होंने पहली बार यहां से जीत हासिल की थी। फिर 2009 में और 2014 में भी वह इस सीट से विजयी रहे थे। लोकसभा चुनाव 2014 में राहुल गांधी ने अमेठी सीट को बीजेपी की स्मृति ईरानी से एक लाख से ज्यादा वोटों से जीता था। इस साल के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी फिर से उनके सामने हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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