मुम्बई, - (भाषा) राकांपा अध्यक्ष शरद पवार तथा आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा) के नेता चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को चुनाव आयोग पर प्रहार करते हुए पूछा कि क्या प्रधानमंत्री के लिए आदर्श आचार संहिता अलग है और मुख्यमंत्रियों के अलग है?
नायडू से यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया कि गुजरात में प्रधानमंत्री ने वोट डालने से पहले रोड शो आयोजित किया तो उन्होंने कहा, ''क्या ऐसा पहली बार हो रहा है (कि प्रधानमंत्री ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है)? हर दिन उल्लंघन होता है (मोदी की तरफ से)।''
प्रधानमंत्री गुजरात में पंजीकृत मतदाता हैं जहां मंगलवार को एक ही चरण में सभी 26 लोकसभा सीटों पर चुनाव होने वाले हैं।
एक उदाहरण देते हुए नायडू ने कहा कि आंध्रप्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव खत्म हो गए (11 अप्रैल को) और उनकी सरकार के शीर्ष अधिकारियों का तबादला हो गया लेकिन खुफिया ब्यूरो लगातार ''हर दिन'' प्रधानमंत्री को रिपोर्ट कर रहा है।
नायडू ने कहा कि आयोग ने उनसे कहा था कि ''बात नहीं करें'' (आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण) लेकिन श्रीलंका में सिलसिलेवार बम विस्फोट के बाद मोदी ने उस देश का समर्थन किया।
उन्होंने पूछा, ''क्या प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के लिए अलग आचार संहिता है? हाल में हमारे यहां (आंध्रप्रदेश में) भारी बारिश हुई, नौ लोगों की मौत हो गई।''
उन्होंने कहा, ''(लेकिन) मैं बात नहीं कर सकता, मैं निर्देश नहीं दे सकता (अधिकारियों को)। किस तरह का चुनाव आयोग है (यह)?''
संवाददाता सम्मेलन में शामिल पवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का चुनाव प्रचार 21 अप्रैल को समाप्त होने के बाद पुणे के बारामती स्थित अपने गृह नगर में नहीं रहने दिया गया।
पवार की बेटी और निवर्तमान राकांपा सांसद सुप्रिया सुले बारामती से चुनाव लड़ रही हैं जबकि वह मुंबई में मतदाता हैं।
चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक राजनीतिक पदाधिकारी या पार्टी कार्यकर्ता अगर संबंधित संसदीय क्षेत्र के बाहर से आए हैं या वहां मतदाता के रूप में पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें चुनाव प्रचार की अवधि समाप्त होने के बाद संसदीय क्षेत्र को छोड़ना पड़ता है।
पवार ने कहा, ''भाजपा ने चुनाव आयोग से यह कहते हुए शिकायत की कि 'प्रचार समाप्त होने के बाद मुझे बारामती में नहीं रूकना चाहिए।''
उन्होंने कहा, ''वे मुझे मेरे घर में नहीं रहने दे रहे हैं। दूसरी तरफ मोदी खुद ही चुनाव के दौरान रोड शो कर रहे हैं।''
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ