बरेली। बाकरगंज में लगे कूड़ा निस्तारण प्लांट से निकले तेल पर सवाल उठाने के बाद कंपनी ने गुजरात की एक लैब से इसकी जांच कराई है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह फर्नेस ऑयल (भट्ठी में जलने वाला तेल) है, जिसमें कार्बन और हाईड्रोजन तत्व मौजूद हैं। इसे जलाने पर वातावरण के मानकों के अनुरूप कार्बन डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन और ऑक्सीजन गैस निकलती हैं, इसलिए यह पर्यावरण के लिए नुकसानदेह नहीं है। इस रिपोर्ट के बाद अब बाकरगंज में अन्य कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने को हरी झंडी मिलने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।नगर निगम से करार के बाद गुजरात की अमेजो वेस्ट सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने बाकरगंज में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाया था। यहां कूड़े को उच्च ताप पर गर्म करके तेल निकाला जा रहा है। पिछले दिनों नगर आयुक्त सैमुअल पॉल एन. ने इस तेल पर सवाल उठाते हुए इसकी लैब रिपोर्ट मांगी थी। साथ ही बाकरगंज में अन्य प्लांट लगाने पर रोक लगा दी थी। उनका कहना था कि जब तक यह साबित नहीं हो जाता है कि इस प्लांट से निकला तेल पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करेगा, अन्य प्लांट नहीं लगाए जाएंगे। इसके बाद ही कंपनी के लोगों ने तेल का सैंपल लेकर जांच के लिए गुजरात भेजा था, जिसकी रिपोर्ट आ गई है। कंपनी के डायरेक्टर परमवीर सिंह ने बताया कि अब वह इस रिपोर्ट को नगर आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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