नयी दिल्ली, (भाषा) कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच गठबंधन के सभी प्रयास विफल होने के बाद कांग्रेस ने सोमवार को छह सीटों से उम्मीदवारों की घोषणा कर राष्ट्रीय राजधानी में लोकसभा चुनाव को और दिलचस्प बना दिया है। दिल्ली में अब त्रिकोणिय मुकाबला कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच होना तय दिख रहा है।
पार्टी ने जिन उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी के कई प्रमुख चेहरे शामिल हैं।
कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को उत्तर-पूर्वी दिल्ली से टिकट दिया है जहां से दिल्ली भाजपा अध्यक्ष व मौजूदा सांसद मनोज तिवारी और आप नेता दिलीप पांडे चुनावी मैदान में हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन को नयी दिल्ली, जेपी अग्रवाल को चांदनी चौक, राजेश लिलोठिया को उत्तर-पश्चिम दिल्ली, महाबल मिश्रा को पश्चिमी दिल्ली और अरविंदर सिंह लवली को पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार बनाया गया है।
पार्टी ने दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से फिलहाल किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
माना जा रहा है कि उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन की संभावना पर पूर्ण विराम लग गया है।
दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर पिछले कई हफ़्तों से बातचीत चल रही थी। लेकिन कांग्रेस 3:4 के फार्मूले पर सिर्फ दिल्ली में गठबंधन चाह रही थी जबकि आप दिल्ली के साथ हरियाणा में भी गठबंधन पर जोर दे रही थी।
कांग्रेस और आप दोनों के दिल्ली की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने से त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति पैदा हो गई है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी सात सीटों पर जीत दर्ज की थी।
गौरतलब है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए अब तक कुल 419 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है जिनमें संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम भी शामिल हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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