प्रयागराज की फूलपुर और इलाहाबाद संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों का नामांकन 16 अप्रैल से शुरू हो जाएगा। अब नामांकन के दस दिन और मतदान के महज 37 दिन का ही वक्त रह गया है। लेकिन, भाजपा ने अब तक फूलपुर संसदीय सीट से प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। ऐसे में पार्टी के तमाम नेता एवं कार्यकर्ता भी हैरत में हैं, जबकि इलाहाबाद संसदीय सीट से पार्टी ने 11 दिन पूर्व ही डॉ. रीता बहुगुणा जोशी को उम्मीदवार घोषित कर दिया है।पिछले वर्ष हुए उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी प्रवीण पटेल की हार के बाद से ही माना जा रहा है कि फूलपुर से पार्टी इस बार स्थानीय प्रत्याशी को ही मैदान में उतारेगी। इस बीच फूलपुर से काफी नेताओं ने टिकट का दावा भी किया है। इसमें कुछ दिग्गज नेताओें के भी नाम शामिल हैं। भीतर खाने इस बात की भी चर्चा है कि पार्टी अभी सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी की घोषणा का इंतजार कर रही है। इसके बाद ही भाजपा अपने पत्ते खोलेगी। इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व के पास तीन नाम भी पहुंचे हैं। एक नाम अगड़ी जाति के नेता का और बाकी दो पिछड़ी जाति के नेता के हैं। फूलपुर में हुए अब तक के चुनाव को देखते हुए संभावना इसी बात की है कि पार्टी पिछड़ी जाति के नेता के नाम पर ही अपनी मुहर लगा सकती है। क्योंकि, यहां पिछड़ी जाति के नेताओं का चुनाव जीतने का प्रतिशत ज्यादा है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ