नयी दिल्ली, -) ठप खड़ी जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर अनिश्चितता के बीच कर्मचारियों के समूह या गठजोड़ ने एयरलाइन के अधिग्रहण का प्रस्ताव किया है। एयरलाइन की दो कर्मचारी यूनियनों के अनुसार जेट के कर्मचारी बाहरी निवेशकों से 3,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रहे हैं जिससे वे बोली लगा सकें।
यह पहला मौका है जबकि कर्मचारी 25 साल पुरानी एयरलाइन का परिचालन करने का प्रस्ताव लेकर आए हैं। एयरलाइन का परिचालन 17 अप्रैल से अस्थायी रूप से बंद है।
एयरलाइन की पायलटों तथा इंजीनियरों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो संघों सोसायटी फॉर वेलफेयर आफ इंडियन पायलट्स (एसडब्ल्यूआईपी) तथा जेट एयरक्राफ्ट मेनटेनेंस इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन (जेएएमईवीए) ने प्रमुख ऋणदाता बैंक भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार को पत्र लिखकर एयरलाइन का परिचालन अपने हाथ में लेने का प्रस्ताव किया है। इन यूनियनों का कहना है कि वे एयरलाइन के परिचालन के लिए 7,000 करोड़ रुपये का प्रबंध कर सकती हैं।
एसडब्ल्यूआईपी के सदस्यों की संख्या 800 है जबकि जेएएमईवीए के सदस्यों की संख्या करीब 500 है। दोनों यूनियनों ने कुमार से कर्मचारियों के समूह के प्रस्ताव पर विचार को कहा है।
यह पत्र 29 अप्रैल को भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि कर्मचारियों का योगदान उनकी भविष्य की आय और उत्पादकता बढ़ने से आएगा। पत्र के अनुसार, ''हमारे शुरुआती अनुमान के अनुसार पांच साल के कर्मचारी शेयर स्वामित्व कार्यक्रम (इसॉप) से आमदनी 4,000 करोड़ रुपये रहेगी।'' इसके अलावा बाहरी निवेशकों से भी करीब 3,000 करोड़ रुपये का निवेश जुटाया जा सकता है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ