नयी दिल्ली, -) शेयर बाजार में इस साल सूचीबद्ध होने वाली ज्यादातर कंपनियां अपने इश्यू मूल्य से काफी ऊपर कारोबार कर रही है। इन कंपनियों ने अपने निवेशकों को इस साल अब तक 21 प्रतिशत तक कमाई के अवसर उपलब्ध कराये हैं।
वर्ष 2019 की शुरुआत के बाद से अब तक कम से कम छह कंपनियां शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुई हैं और इनके शेयर मूल्य उनके इश्यू मूल्य से ऊपर चल रहे हैं। इस साल सूचीबद्ध होने वाली कंपनियों के प्रदर्शन का विश्लेषण करने से यह निष्कर्ष सामने आया है।
इस साल शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने वाली कंपनियों में रेल विकास निगम लिमिटेड का प्रारम्भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) काफी सफल रहा। इसके शेयर में सूचीबद्ध होने के बाद निर्गम मूल्य के मुकाबले 21.31 प्रतिशत तक उछाल देखा गया। तार और केबल विनिर्माता कंपनी पालिकैब इंडिया का इश्यू भी अच्छा रहा। सूचीबद्ध होने के बाद इसका शेयर मूल्य निर्गम मूल्य के मुकाबले करीब 20 प्रतिशत चढ़ गया।
शॉलेट होटल्स का शेयर भी 14.64 प्रतिशत चढ़ गया। एक्सेलम्मॉक डिजाइन एण्ड टेक लिमिटेड का शेयर 7.57 प्रतिशत ऊपर चढ़ गया। दोनों कंपनियों इस साल फरवरी में बाजार में निर्गम जारी किये हैं।
मेट्रोपालिस हेल्थकेयर का शेयर भी सूचीबद्ध होने के बाद 6.82 प्रतिशत बढ़ा है। कंपनी 15 अप्रैल को बाजार में सूचीबद्ध हुई। केवल एमएसटीसी ही ऐसी कंपनी रही जिसका शेयर 11.66 प्रतिशत गिरा है।
इस बीच नियोजेन केमिकल्स का निर्गम भी बाजार में उतरा गया है, हालांकि यह शेयर अभी बाजार में सूचीबद्ध नहीं हुआ है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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