रायबरेली , (भाषा) संप्रग अध्यक्ष और रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा कि इस बार का चुनाव मामूली चुनाव नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बार के चुनाव में तय होना है कि देश में संविधान को नष्ट करने वालों का राज रहेगा या फिर संविधान के सम्मान को कायम रखने वालों का।
उन्होंने कहा, ''मुझे इस बात पर गर्व है कि चाहे अच्छा वक्त रहा हो या बुरा, हमेशा सब ने दिलो जान से मेरा साथ दिया। मुझे ताकत दी। मेरे आत्मविश्वास को बढ़ाया। इस पारिवारिक रिश्ते की वजह से आप सबके प्यार और समर्पण को शब्दों में व्यक्त करना मेरे लिए मुश्किल है।'' गांधी ने सोमवार की शाम यहां के भुएमऊ गेस्ट हाउस में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा चुनाव दूसरे चुनाव से अलग है। इस चुनाव से देश का भविष्य, आने वाली पीढ़ियों का भविष्य और समाज के हर तबके का भविष्य जुड़ा है। इसलिए एक-एक कांग्रेस जन का कर्तव्य है कि वह पूरी जागरूकता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
उन्होंने कहा कि रायबरेली में हुए विकास के सभी काम आपके सामने हैं। रेलकोच फैक्ट्री, नेशनल हाईवे, एम्स, फ्लाई ओवर, इंजीनियरिंग कॉलेज और दूसरे कई संस्थान और कार्य आपके सामने हैं।
संप्रग अध्यक्ष ने कहा, ''हमने प्रधानमंत्री जी का दायित्वबोध तो उसी दिन समझ लिया था जब उन्होंने कहा था कि हमारा तो क्या है हम तो अपना झोला उठाकर चल देंगे।''
उन्होंने कहा कि ऐसा गैर जिम्मेदार प्रधानमंत्री पहले कभी देश ने नहीं देखा था।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ