सपा-बसपा गठबंधन की रणनीति भांपने में जुटी कांग्रेस इलाहाबाद संसदीय सीट पर जल्द पत्ता खोलेगी। शुक्रवार को प्रयागराज पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर की मौजूदगी में भी नेताओं ने जिताऊ उम्मीदवार पर मंथन किया। पूर्व राज्य सभा सदस्य प्रमोद तिवारी के आवास पर नेताओं के जमावड़े के दौरान कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोली जाती रही। प्रदेश अध्यक्ष ने इलाहाबाद से बड़ा नाम मैदान में उतारने के संकेत दिए इलाहाबाद संसदीय सीट पर कांग्रेस जल्द पत्ता खोलेगी। शुक्रवार को सिविल लाइंस में जब उनसे इलाहाबाद सीट से उम्मीदवार घोषित करने में हो रही देरी की वजह पूछी गई, तब उनका कहना था कि इंतजार करिए, जल्द ही कोई बड़ा नाम आएगा। पार्टी में मंथन किया जा रहा है। इस सीट से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली। कहा कि कांग्रेस मजबूत उम्मीदवार देगी। कहा जा रहा है कि कांग्रेस प्रयागराज को केंद्र में रखकर ही पूर्वी यूपी की चुनावी रणनीति बना रही है, ऐसे में कोई चौंकाने वाला भी नाम आ सकता है। फिलहाल शुक्रवार को भी किसी ब्राह्मण नेता को उतारने की चर्चा दिन भर होती रही। इस बीच पूर्व मंत्री अनिल शास्त्री के दावेदारी से पीछे हटने की भी बात आई है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता किशोर वार्ष्णेय ने बताया कि अनिल शास्त्री के इंकार के बाद पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र विभाकर शास्त्री को वरीयता देने पर विचार किया जा रहा है।
बसपा के पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी ने शुक्रवार को कांग्रेस के संपर्क में होने की चर्चाओं को सिरे से खारिज किया। उनका कहना है कि वह पिछले कई वर्षों से कांग्रेस के किसी नेता केसंपर्क में नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यकर्ताओं की राय उनके लिए सर्वोपरि है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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