मेरठ। लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र में बीते रविवार को हुई हत्या के मामले में फरार आरोपी उजेफा ने दिल्ली में सरेंडर कर दिया। लिसाड़ीगेट पुलिस ने आरोपी को रिमांड पर लिया है।
चमड़ा पैठ जाकिर कॉलोनी निवासी शाह आलम उर्फ आशी (18) पुत्र इस्लामुद्दीन की रविवार को सद्दीकनगर निवासी उजेफा पुत्र अनवार और रिहान ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने हत्या के दिन ही आरोपी रिहान को गिरफ्तार कर लिया था। सीओ का कहना है शाह आलम उर्फ आशी के रिहान की रिश्तेदार युवती से संबंध थे। इसी बात को लेकर रिहान ने अपने साथी उजेफा के साथ मिलकर आशी की हत्या कर दी थी। पुलिस लगातार उजेफा की तलाश में लगी थी। उसके परिजन और रिश्तेदारों को भी पुलिस ने हिरासत में ले रखा था। सीओ का कहना है कि नामजद आरोपी उजेफा को दिल्ली से रिमांड पर लिया गया है। कोर्ट के निर्देश पर उसे जेल भेज दिया जाएगा।
आरोपी उजेफा ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसकी आशी से कई साल पुरानी दोस्ती थी। रिहान भी उसका दोस्त है। रिहान लगातार कहता था कि आशी उसकी रिश्तेदार को परेशान कर रहा है। इससे बदनामी हो रही है। रविवार को आशी ने युवती से बात की थी। उसके बाद मैंने कॉल करके बुलाया था। रिहान वहां पहले से मौजूद था। इसके बाद उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। उजेफा ने यह भी बताया कि एक साल पहले वह पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गया था, उसे शक था कि आशी ने ही मुखबिरी कर उसे पकड़वाया था।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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