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हार्ट अटैक आने पर बचाई जा सकती है जान


देश में प्रति एक लाख आबादी पर चार हजार से अधिक लोगों की मौत अचानक हार्ट अटैक से होती है। समय पर उनको उपचार मिल जाए तो इसमें मौत के प्रतिशत को कम किया जा सकता है। इनमें आधे से कम लोगों को सही समय पर इलाज मिल पाता है। यह जानकारी लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने बृहस्पतिवार को दी। वह इंडियन सोसायटी ऑफ  एनेस्थीसियोलॉजिस्ट की लखनऊ शाखा की ओर से हुए कार्यक्रम में मौजूद थे। निदेशक ने कहा कि 70 प्रतिशत लोगों की हार्ट बीट घर पर ही रूक जाती है। ऐसे में जरूरी है कि मरीजों को कम्प्रेशन ऑनली लाइफ  सपोर्ट (कोल्स) की जानकारी होनी चाहिए। इससे मरीज के जीवित रहने की संभावना दो से तीन गुना बढ़ जाती है। संस्थान में महाजन बंधु के हितेन्द्र महाजन ने साहसिक यात्रा के दौरान कोल्स का प्रदर्शन किया। निश्चेतना विभाग के प्रमुख डॉ. दीपक मालवीय ने कहा कि यह प्रक्रिया सरल और बिना किसी यंत्र एवं न्यूनतम प्रशिक्षण के भी की जा सकती है। इसमें सबसे पहले हार्ट अटैक के लक्षणों की पहचान कराना सिखाया जाता है। इस तरह के लक्षण लगने पर एम्बुलेंस को कॉल करना चाहिए।


 

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