केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार को बेगुसराय लोकसभा क्षेत्र से नामांकन पत्र भरा जहां उनका राजद के तनवीर हसन और भाकपा के कन्हैया कुमार से त्रिकोणीय मुकाबला होगा।
तेजतर्रार भाजपा नेता ने नामांकन पत्र भरने से पहले स्थानीय शिव मंदिर में पूजा अर्चना की। उन्होंने नामांकन पत्र भरने के कार्यक्रम को बड़ा सामान्य रखा क्योंकि शुक्रवार को शहर के बाहरी क्षेत्र में एक ट्रक सड़क से उतर गया था और सात लोगों की मौत हो गयी थी।
सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि उन्हें इस संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं के बीच अप्रत्याशित उत्साह दिख रहा है जो देश के विकास, सशस्त्र बलों के पराक्रम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण विश्वास दिखाने के लिए उत्सुक जान पड़ते हैं।
उसके बाद वह एक जुलूस के साथ रैली स्थल के लिए रवाना हुए। रास्ते में वह खुली कार में गये और लोगों ने उनपर फूल बरसाए। बेगुसराय के सांसद भोला सिंह की मृत्यु और नवादा सीट गठबंधन की सहयोगी लोजपा के पास जले जाने के कारण सिंह की सीट बदली गयी है।
रैली में सिंह के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी, जदयू के नेता आर सी पी सिंह थे। जदयू बिहार में राजग का तीसरा घटक है।
राजग नेताओं ने लोगों से बड़ी संख्या में सिंह के पक्ष में वोट करने का आह्वान किया और विश्वास व्यक्त किया कि राजग बिहार में 40 सीटें जीतेगा।
हसन और कुमार अगले हफ्ते पर्चा दाखिल करेंगे। इस सीट पर चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान होगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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