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एयर मार्शल डी. चौधरी एवीएसएम वीएम वीएसएम ने पश्चिमी वायु कमान के वरिष्‍ठ एयर स्‍टाफ ऑफिसर के रूप में पदभार ग्रहण किया



एयर मार्शल डी. चौधरी एवीएसएम वीएम वीएसएम राष्‍ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं। वे 22 दिसम्‍बर, 1983 को कमीशन्‍ड अधिकारी बने। एयर ऑफिसर एक फाइटर कॉम्‍बेट लीडर और इन्‍स्‍ट्रूमेंट रेटिंग इन्‍स्‍ट्रक्‍टर और परीक्षक हैं। वे रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्‍टडीज यूके के पूर्व - छात्र हैं, किंग्‍स कॉलेज लंदन से स्‍ट्रेटेजी एंड इंटरनेशनल सिक्‍युरिटी में स्‍नातकोत्‍तर हैं और डिफेंस एंड स्‍ट्रेटेजिक स्‍टडीज विषय में एम.फिल हैं।


      उन्‍होंने मिग-21, मिग- 27, मिग – 29 और एसयू-30 जैसे युद्धक विमानों में 5,000 से अधिक उड़ाने भरी है। उन्‍होंने 15 एसक्‍यूएन, टेक्टिक्‍स और एयर कॉम्‍बेट स्‍टेबिलिशमेंट (टीएसीडीई) एवं 02 फ्रंट लाइन बेसों का एओसी के रूप में नेतृत्‍व किया है। उन्‍होंने टीएसीडीई में, पहले एक इन्‍स्‍ट्रक्‍टर के रूप में और फिर कमांडेंट के रूप में दो कार्यकाल तक सेवा की है। उन्‍हें वायुसेना मुख्‍यालय में वायुसेना निरीक्षण  निदेशक, ऑपरेशन्‍स ज्‍वाइंट प्‍लानिंग निदेशक और ऑपरेशनल प्‍लानिंग तथा एसेसमेंट ग्रुप निदेशक के पद पर भी नियुक्‍त किया गया था। उन्‍होंने मुख्‍यालय पश्चिमी वायुसेना कमान के एयर -1, मुख्‍यालय मध्‍य वायुसेना कमान और मुख्‍यालय दक्षिण-पश्चिम वायुसेना कमान के एयर डिफेंस कमांडर, कोबरा ग्रुप के एओसी और वायुसेना मुख्‍यालय (आरकेपी) में वायुसेना (निरीक्षण) के सहायक प्रमुख के रूप में काम किया है। क्षेत्रीय, संचालनात्‍मक और रणनीतिक स्‍तरों पर युद्धक संचालन और आयोजना के बारे में उनके पास अत्‍यधिक अनुभव है। उन्‍होंने रेड फ्लैग, डेजर्ट ईगल और गरूड़ नामक तीन अंतर्राष्‍ट्रीय अभ्‍यासों का नेतृत्‍व किया है। उन्‍होंने संचालनात्‍मक विषयों, वायु शक्ति एवं नेतृत्‍व पर आधारित बहुत से शोध पत्र लिखे।


      एयर मार्शल को अगस्‍त, 1992 में सीएएस प्रशस्त, जनवरी, 2007 में विशिष्‍ट सेवा  मेडल, जनवरी 2011 में वायु सेना मेडल और जनवरी, 2018 में अ‍ति विशिष्‍ट सेवा मेडल से सम्‍मानित किया गया था।  


 


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