नयी दिल्ली, (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कहा कि वह आप नेता आतिशी मार्लेना की उस आपराधिक शिकायत पर एक मई को सुनवाई करेगी जिसमें उन्होंने पूर्व क्रिकेटर और भाजपा उम्मीदवार गौतम गंभीर पर जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन करके एक से अधिक क्षेत्रों में मतदाता के रूप में कथित रूप से नामांकन करने का आरोप लगाया गया है।
शिकायत में पुलिस को इस मामले की जांच का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। इस शिकायत को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विप्लव डबास के सामने विचार के लिए रखा गया है।
शिकायत में आरोप लगाया गया कि पूर्वी दिल्ली के भाजपा प्रत्याशी गंभीर ने दो अलग क्षेत्रों करोलबाग और राजेंद्र नगर में मतदाता के रूप में ''जानबूझ कर'' और ''अवैध रूप से'' नामांकन किया।
यह याचिका बृहस्पतिवार को अधिवक्ता मोहम्मद इरशाद द्वारा दायर की गई। इसमें आरोप लगाया गया कि गंभीर ने चुनाव लड़ने की योग्यता हासिल करने और अंतत: संसद की सदस्यता लेने के लिए अपने नामांकन पत्र, इसके साथ सौंपे शपथपत्र और मतदाता होने से जुड़े अन्य दस्तावेजों में झूठी जानकारी दी है।
पूर्वी दिल्ली सीट से ही आप उम्मीदवार एवं शिकायतकर्ता आतिशी ने अपनी शिकायत में कहा कि क्षेत्रों में गंभीर के पंजीकरण की जानकारी चुनाव आयोग की राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध है।
शिकायत में दिल्ली पुलिस को जनप्रतिनिधित्व कानून, 1950 की धाराओं के तहत आरोपों की जांच का निर्देश देने का अनुरोध किया गया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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