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चलने से पहले ही खुलने लगीं सीवर जेटिंग मशीनें


सात माह पहले खरीदी गईं सीवर जेटिंग मशीनें सड़क पर उतरने से पहले ही खुलने लगी हैं। छह माह बाद गाड़ियां सहारनपुर से बनकर लौट तो आईं, लेकिन छीपीटैंक पहुंचते ही मैकेनिकों ने गाड़ियों को खोलना शुरू कर दिया। दिनभर सीवर जेटिंग मशीनों को ठीक किया गया। हालांकि जलकल के अधिकारी इसे मशीनों की टेस्टिंग बताते रहे।नगर निगम ने शहर की सीवर व्यवस्था को सुधारने के लिए बीते साल अगस्त माह में छह वाहन खरीदे थे। सभी पर सीवर जेटिंग सिस्टम असेंबल करने के लिए सहारनपुर भेजा था। इनकी खरीद पर पौने दो करोड़ रुपये का खर्च बताया जा रहा है। दो माह में गाड़ी तैयार होकर आनी थी, लेकिन छह माह बाद मशीनें मेरठ पहुंची हैं।  सहारनपुर से छीपीटैंक पहुंची सीवर जेटिंग मशीनों की दिनभर रिपेयरिंग चली। पांच-छह मैकेनिक गाड़ियों को ठीक करने में जुटे रहे। ऐसे में मशीनों की गुणवत्ता पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
वारंटी के सात माह खत्म कंपनी किसी भी गाड़ी को एक साल फ्री सर्विस देती है। तीन साल तक वारंटी होती है। ऐसे में वारंटी के सात माह बिना वाहन चलाए ही निकल गए। वहीं एक फ्री सर्विस ही बची है। कंपनी ने गाड़ियों की तीन साल की वारंटी दी है। छह माह से अधिक समय खत्म हो चुका है। सहारनपुर में फैब्रीकेशन का काम चला था। हमारी सहारनपुर के ठेकेदार से बात हो चुकी है। वह कंपनी से वारंटी का छह माह समय बढ़वाएगा। सभी गाड़ियों को टेस्टिंग के बाद ही हैंडओवर लिया जाएगा। टेस्टिंग शहर में सीवर लाइन पर की जाएगी। -सुनील सिंहल, अधिशासी अभियंता जलकल।


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