बिजनौर के जुनैद को यूपीएससी में मिला तीसरा रैंक, कहा- भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने की चाह पूरी



मेरा बचपन से सपना था कि एक दिन भारतीय प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनूं। हमारे परिवार में कोई प्रशासनिक सेवा में नहीं था। ऐसे में कोई अधिक जानकारी भी नहीं थी। बस मेहनत पर पूरा भरोसा था। सिविल सर्विसेज की चार बार परीक्षा देने पर पिछली बार मेरा भारतीय राजस्व सेवा में चयन हुआ था। हालांकि, सपना भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का था। इसी के चलते पांचवीं बार फिर से परीक्षा दी और सिविल सर्विसेज 2018 की परीक्षा में ऑल ओवर इंडिया में तीसरा स्थान मिला। उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर स्थित नगीना कस्बे के रहने वाले जुनैद अहमद ने अमर उजाला से विशेष बातचीत में बताया कि अब मेरा भारतीय प्रशासनिक सेवा से जुड़ने का सपना पूरा हो गया है। पिछले एक साल से भारतीय राजस्व सेवा का हिस्सा होने के बाद भी दिल हमेशा भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का करता रहा। जुनैद के पिता जावेद हुसैन वकील और माता आयशा रजा गृहिणी हैं। 

शुरुआत आठ घंटे से, सफलता चार घंटों की मेहनत से मिली
जुनैद के मुताबिक, सिविल सर्विसेज की तैयारी की शुरुआत में आठ से 10 घंटे लगातार पढ़ाई करते थे। बेसिक समझ में आने के बाद तैयारी का समय घटकर चार घंटों तक सिमट गया। मेरा मानना है कि घंटों से पढ़ाई नहीं होती। जो भी पढ़ें, ध्यान लगाकर तैयारी करें तो सफलता अवश्य मिलेगी। 

जामिया रेजीडेंशियल अकादमी से ली कोचिंग
जुुनैद अहमद ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया स्थित जामिया रेजीडेंशियल कोचिंग अकादमी से कोचिंग ली। जामिया की कोचिंग अकादमी मुफ्त में सिविल सर्विसेज के छात्रों को तैयारी करवाती है। इसमें रहना, खाना समेत कोचिंग मुफ्त होती है।


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