केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपनी वापसी के लिए जोरशोर से प्रयास कर रही है. बीजेपी (BJP) की निगाहें खासकर शहरी मतदाताओं पर हैं, जहां पार्टी की अच्छी-खासी पैठ मानी जाती है, लेकिन इस बार शहरी वोटर भी बीजेपी से नाराज दिख रहे हैं. इसका खुलासा राजनीतिक सुधारों पर नजर रखने वाली संस्था एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) के एक सर्वेमें हुआ है. एडीआर ने आम जन से जुड़े 24 प्रमुख मुद्दों को लेकर शहरी मतदाताओं के बीच एक सर्वे किया. इस सर्वे में शहरी वोटर (अर्बन वोटर) ने रोजगार, स्वास्थ्य, पानी, प्रदूषण और शिक्षा समेत तमाम मोर्चे पर मोदी सरकार (Modi Government) के कामकाज को लेकर बेहद निराशा जताई है और औसत से भी कम यानी बिलो एवरेज रेटिंग दी है. जो साफ-साफ बीजेपी (BJP) के लिए 'खतरे की घंटी' है. एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) के सर्वे के मुताबिक शहरी मतदाताओं के लिए रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है. सर्वे में 51.60 फीसद मतदाताओं ने कहा है कि रोजगार का अवसर उनकी प्राथमिकता है. वहीं, 39.41 फीसद मतदाताओं ने स्वास्थ्य, 37.17 फीसद मतदाताओं ने यातायात व्यवस्था, 35.03 फीसद मतदाताओं ने पीने का पानी, 34.91 फीसद मतदाताओं ने अच्छी सड़क और 34.14 फीसद मतदाताओं ने पानी और वायु प्रदूषण को अपना प्रमुख मुद्दा बताया है.
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ