बरेली। रुहेलखंड विवि ने बीएड की राज्य स्तरीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए 12 सौ से अधिक परीक्षा केंद्र फाइनल कर दिए हैं। मतदान की ट्रेनिंग के चलते कुछ केंद्र अतिरिक्त बनाए गए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर कोई दिक्कत न हो। आठ अप्रैल से प्रवेशपत्र भी डाउनलोड होने शुरू हो जाएंगे। अभ्यर्थियों को दो प्रति में प्रवेशपत्र डाउनलोड करने होंगे और परीक्षा के दौरान एक आईडी भी साथ लानी अनिवार्य है।प्रवेश परीक्षा 15 अप्रैल को सुबह नौ से 12 बजे और दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक दो पाली में होगी। प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले छह लाख नौ हजार 209 अभ्यर्थियों के 15 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। विवि इन सभी केंद्रों के नाम तय कर दिए हैं और अब आठ अप्रैल से प्रवेशपत्र डाउनलोड होने शुरू हो जाएंगे। प्रवेशपत्र दो प्रतियों में डाउनलोड करने होंगे और उस पर फोटो चिपकाकर परीक्षा केंद्र पर जाना होगा। जिन अभ्यर्थियों के प्रवेशपत्र पर फोटो एवं हस्ताक्षर स्पष्ट नहीं होंगे, उन्हें आवेदन में लगाए गए दो अतिरिक्त फोटो ले जाने होंगे। प्रवेश परीक्षा के लिए सभी जिलों में रजिस्ट्रार को नोडल अफसर और एक प्राध्यापक को नोडल कोआर्डिनेटर बनाया गया है। नौ अप्रैल को विवि में इनकी बैठक बुलाई गई है। इसके अलावा सभी जिलों में परीक्षा के प्रभारी डीएम या उनके द्वारा नामित अधिकारी हाेंगे।
लखनऊ, बनारस और इलाहाबाद में सर्वाधिक परीक्षा केंद्र
बीएड की प्रवेश परीक्षा के लिए आगरा में 91, अलीगढ़ में 37, अयोध्या में 50, आजमगढ़ में 75, गाजियाबाद में 52, गोरखपुर में 100, जौनपुर में 72, झांसी में 35, कानपुर में 92, मेरठ में 99, मुरादाबाद में 70 और बरेली में 71 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इसके अलावा सर्वाधिक परीक्षा केंद्र लखनऊ में 145 और इलाहाबाद एवं बनारस में 130-130 बनाए गए हैं। इनमें से कुछ जगह अतिरिक्त परीक्षा केंद्र भी बनाए गए हैं ताकि अगर उन कॉलेज को चुनाव कार्य में शामिल किया जाए तो दिक्कत न हो।
‘बीएड की राज्य स्तरीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र फाइनल हो चुके हैं। आठ अप्रैल से अभ्यर्थी अपना प्रवेशपत्र भी डाउनलोड कर सकेंगे। तैयारियों के लिए नौ अप्रैल को नोडल अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है।’
- प्रो. बीआर कुकरेती, राज्य समन्वयक, बीएड प्रवेश परीक्षा
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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