जिला सहकारी बैंक शाखा बहसूमा के ग्राहक के खाते से 1.18600 रुपये निकाले जाने का मामला मुख्यालय के आदेश पर की गई कार्रवाई, नया स्टाफ तैनात किया बहसूमा। जिला सहकारी बैंक शाखा बहसूमा में अनियमितता में संलिप्तता व गबन के मामले में शुक्रवार दोपहर मुख्य कार्यपालक अधिकारी की संस्तुति पर सचिव ने बैंक प्रबंधक, कैशियर एवं क्लर्क को निलंबित कर दिया। वहीं, अधिकारियों ने नया स्टाफ तैनात कर दिया। इससे बैंक कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
जिला सहकारी बैंक मेरठ के सचिव अनूप कुमार ने बताया कि बहसूमा शाखा में गत वर्ष कस्बा निवासी रेखा पत्नी नरेंद्र के बचत खाता संख्या 11592 से 1,18600 (एक लाख अठारह हजार छह सौ रुपये) निकाले गए। बैंक शाखा प्रबंधक संतोष कुमार ने बताया कि उक्त रकम छह बार में निकाली गई है। वहीं, खातेदार ने धोखाधड़ी कर रकम निकाले जाने की बीती 22 फरवरी को जिला सहकारी बैंक मुख्यालय में शिकायत की थी। इसकी जांच में जिला सहकारी बैंक बहसूमा के शाखा प्रबंधक संतोष कुमार, कैशियर पवन कुमार, क्लर्क मान सिंह मौर्य को अनियमितता में संलिप्त पाया गया। इसके चलते मुख्य कार्यपालक अधिकारी की संस्तुति पर शुक्रवार दोपहर को प्रबंधक समेत तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। वहीं, सहकारी पर्यवेक्षक शाखा को मेरठ जिला मुख्यालय से संबद्ध कर दिया है। इस कार्रवाई से बैंक कर्मियों में हड़कंप है। उधर, ग्राहकों में भी अफरा-तफरी का माहौल रहा। वहीं, मुख्यालय के आदेश पर नए स्टाफ ने कार्यभार संभाला लिया है। हाल ही में शिव प्रसाद को बतौर बैंक प्रबंधक तैनात किया है। उन्होंने ने बताया कि उक्त कार्रवाई मुख्यालय स्तर से हुई है। बैंक की व्यवस्था शीघ्र सुचारू कर दी जाएगी। ग्राहकों को किसी तरह की भी परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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