अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने श्रीलंका में हाल ही में हुए भीषण आतंकवादी हमलों के बाद श्रीलंका के लिए यात्रा चेतावनी का स्तर बढ़ा दिया है और अपने नागरिकों से द्वीपीय राष्ट्र की यात्रा पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी यात्रा परामर्श में यात्रा खतरे का स्तर बढ़ा कर तीन कर दिया है।
मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा, ''आतंकवादी संगठन श्रीलंका में हमले की योजना लगातार बना रहे हैं। आतंकवादी बिना किसी चेतावनी अथवा हल्की चेतावनी के हमला कर सकते हैं और पर्यटक स्थलों, यातायात ठिकानों, बाजारों, शॉपिंग मॉल, सरकारी संस्थानों, होटलों, क्लबों, रेस्त्रां, प्रार्थना स्थलों, पार्कों, खेल तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों, शिक्षण संस्थानों, हवाई अड्डों, अस्पतालों तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों को निशाना बना सकते हैं।
इसमें कहा गया है कि सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर अमेरिकी सरकार की श्रीलंका में अमेरिकी निगरिकों को आपात सेवाएं मुहैया कराने की क्षमताएं हैं।
इस बीच एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर वैरे ने कहा कि जांच में सहयोग के लिए उन्होंने अधिकारियों के एक दल को श्रीलंका भेजा है।
निदेशक ने फॉरेन रिलेशन्स थिंक टैंक की परिषद ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ''एफबीआई ने जांच में सहयोग तथा वहां के हमारे सहयोगियों के साथ काम करने के लिए कर्मियों को भेजा है। मेरा मानना है कि यह याद दिलाता है कि यह कल की खबर नहीं है , यह कल की समस्या नहीं है , यह समाप्त नहीं हुई है। ''
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ