अब सीधे मदीना जाएंगे हज यात्री, 29 साल के बाद उड़ान में बदलाव


अब हज यात्री केवल मदीना के लिए उड़ान भर सकेंगे। पहले जेद्दा और मदीना के लिए हज यात्री उड़ान भरते थे। 29 साल में यह पहला मौका होगा, जब हज यात्री जेद्दा के लिए उड़ान नहीं भर सकेंगे। यह सुविधा हज कमेटी ऑफ इंडिया ने खत्म कर दी है। हालांकि, हज यात्रियों की वापसी जेद्दा एयरपोर्ट से होगी। अलीगढ़ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हज यात्रियों को दिल्ली एयरपोर्ट से एहराम नहीं बांधना पड़ेगा। वर्ष 1990 में हवाई जहाज यात्रा शुरू हुई थी। हज कमेटी ऑफ इंडिया ने इस बार हज यात्रियों के एयरपोर्ट में बदलाव कर दिया है। वर्ष 2018 में अलीगढ़ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हज यात्रियों की उड़ान दिल्ली एयरपोर्ट से शुरू में मदीना और हज शुरू होने से कुछ दिन पहले जेद्दा के लिए होती थी। मगर, इस बार हज यात्री केवल मदीना के लिए उड़ान भर सकेंगे। जब हज यात्री मदीना से मक्का के लिए रवाना होंगे, तब वह एहराम बांधेंगे। पहले दिल्ली एयरपोर्ट से ही हज यात्री एहराम बांध लेते थे। अब वह अपनी सुविधा के अनुसार कपड़े पहनकर मदीना जा सकते हैं।


  वर्ष 1990 से शुरू हुई हवाई जहाज यात्रा 
रिकॉर्ड के मुताबिक, हज यात्रियों की हवाई यात्रा वर्ष 1990 में शुरू हुई थी। वर्ष 1994 तक पानी के जहाज से हज यात्री हज करने जाते थे। वर्ष 1994  में अंतिम बार पानी के जहाज से कुल चार हजार छह सौ पचास हज यात्री गए थे, जबकि हवाई जहाज से 21 हजार पैतीस हज यात्री गए थे। 

हज लब्बैक सोसाइटी के सचिव तौफीक अहमद खान ने बताया कि, देश के 10 एयरपोर्ट से हज यात्री सीधे मदीना जाएंगे, जबकि 12 एयरपोर्ट से जेद्दा के लिए हज यात्री उड़ान भरेंगे।


 

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