धोखाधड़ी के मामले में विवेचना के दौरान कारोबारी से 65 लाख की वसूली के मामले में बाराबंकी एसपी डॉ. सतीश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। एसटीएफ की गोपनीय जांच में एसपी की संलिप्तता का शक जाहिर किया गया था। शासन ने चुनाव आयोग से कार्रवाई के लिए इजाजत मांगी थी। वहां से हरी झंडी मिलते ही उन्हें निलंबित कर दिया गया।प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार के मुताबिक शंकर गायन ने अर्जी देकर बाराबंकी के साइबर क्राइम सेल के पुलिस कर्मियों पर धमकाकर 65 लाख रुपये की वसूली का आरोप लगाया था। शंकर ने अपनी अर्जी में बताया था कि 8 जनवरी को उनकी कंपनी विश्वास मेगा मार्ट के कार्यालय में साइबर क्राइम सेल के दरोगा अनूप कुमार यादव आए थे।दरोगा ने कहा, आप कप्तान साहब के कार्यालय में पेपर लेकर आइए और बताइए कि आपकी कंपनी कैसे काम करती है? कंपनी के सारे दस्तावेज लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे। एसपी सतीश कुमार ने सारे दस्तावेज देखने के बाद कहा, आप जाइए और जब विवेचना के लिए बुलाया जाएगा तो सहयोग कीजिएगा।कर जब वहां से अपने स्टाफ के साथ जाने लगे तो दरोगा अनूप कुमार यादव ने कहा कि आप लोग गिरफ्तार हो गए हैं। 65 लाख रुपये आप लोग दो नहीं तो कंपनी व आपका सारा माल व सामान सीज कर दिया जाएगा।शंकर के मुताबिक 10 जनवरी को उनके स्टाफ राजू को छोड़ दिया गया और पैसे की व्यवस्था करने के लिए कहा गया। उसी दिन शाम को राजू ने पैसे की व्यवस्था कर दरोगा अनूप को दे दिए।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ