वोट के प्रति जागरूक मतदाता ही अच्छे प्रतिनिधि का चुनाव कर सकते हैं


 लोकतन्त्र को मजबूती प्रदान करने के लिए मतदान प्रतिशत को बढ़ाना होगा, इसके लिए बुद्धिजीवियों को आगे आकर नेतृत्व प्रदान करना होगा। इसके लिए उन्हें न केवल अपना वोट देना होगा, बल्कि अन्य लोगों को भी वोट देने के लिए प्रेरित करना होगा। जिस प्रकार समाज में विभिन्न समुदायों के लोग अपने-अपने पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं, ठीक उसी प्रकार लोकतन्त्र के महापर्व ‘मतदान‘ में भी सभी लोगों की सहभागिता होनी चाहिए, क्योंकि यह महापर्व किसी जाति, सम्प्रदाय अथवा धर्म का अकेला महापर्व नहीं है, बल्कि सबका महापर्व है। 

भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त श्री उमेश सिन्हा ने आज यहां योजना भवन के सभागार में आयोजित मतदाता जागरूकता एवं मतदाता सहभागिता कार्यक्रम ‘स्वीप‘ में यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जब तक वोटर अपने वोट के प्रति जागरूक नहीं होगा, वह अपना अच्छा जनप्रतिनिधि नहीं चुन सकता। उन्होंने स्वीप कार्यक्रम में आये समाज सेवी संगठनों एवं अन्य संगठनों के पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों से अपील की कि वे अपने-अपने संगठनों के अधीन कार्यरत लोगों को मतदान के महत्व को समझाएं एवं मतदान करने के लिए उत्प्रेरित करते हुए, उन्हंे शत-प्रतिशत मतदान के लिए समुचित अवसर भी प्रदान करें। उन्होंने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए हर स्तर पर कार्य करने एवं नैतिक मतदान ;म्जीपबंस टवजपदहद्ध करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को बिना किसी लालच एवं दबाव में आये निर्भीक होकर मतदान करना चाहिए। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को मतदाता जागरूकता एवं मतदाता सहभागिता के लिए प्रत्येक स्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए। 

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