रामपुर - विकास भवन स्थित वित्त एवं विकास अनुसूचित जाति विभाग में कार्यरत बाबू को मुरादाबाद की एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। बाबू ने ऋण आवेदन कर्ता से दूसरी किस्त पास कराने के नाम पर 5000 की रिश्वत मांगी थी जिसके बाद आवेदन कर्ता ने एंटी करप्शन विभाग में इसकी शिकायत की टीम जांच उपरांत आरोपी लिपिक को उसके ऑफिस से रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। आरोपी बाबू पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। रंगे हाथ रिश्वत लेते लिपिक की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते हुए अब्दुल रज्जाक प्रभारी निरीक्षक एंटी करप्शन ने बताया शाहबाद कस्बे के राकेश बाबू ने वित्त एवं विकास अनुसूचित जाति विभाग से नगरीय विकास में नगरी विकास में दुकान के लिए ब्याज रहित ऋण स्वीकृत कराया था जिस ऋण की पहली किश्त 2014 में मिल गयी थी दूसरी किश्त पाने के लिए उन्होंने नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव आशु लिपिक /सहायक प्रवन्धक से संपर्क किया जिसके लिए लिपिक नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने अगली केस्ट रिलीज करने के लिए 5000 की रिश्वत मांगी। इसके लिए शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन में अपनी दरखास्त दी जिस पर विभाग द्वारा सत्यापन कराया गया और सत्यापन के बाद। आज लिपिक नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव को रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। आरोपी बाबू नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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