राज्यपाल राम नाईक ने गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर दुःख व्यक्त किया


देश का अभिमान थे मनोहर पर्रिकर। उनके जैसा आदर्श नेता समय से पहले चला गया, यह देश का दुर्भाग्य है।’ यह भावुक उद्गार उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने अपने पुराने सहयोगी रहे पूर्व रक्षा मंत्री एवं गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर शोक जताते हुये व्यक्त किये।

राज्यपाल ने अपने शोक संदेश में स्मृतियों को जीवंत करते हुये कहा कि मुंबई आई0आई0टी0 में पढ़ने वाले राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के युवा कार्यकर्ता मनोहर पर्रिकर से पहली भेंट की छवि आज भी मेरी नज़रों के सामने है। देखते-देखते हम सहयोगी बने। वे गोवा में भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने वाले विधायक, विरोधी दल के नेता, सुशासन से कार्य करने के कारण लोकप्रिय बने। गोवा मुख्यमंत्री से लेकर सर्जिकल स्ट्राईक के समय रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी का कुशलता से निर्वहन करने वाले रक्षा मंत्री जैसे सफल व्यक्ति ने संगठन के लिए पल भर में सब छोड़कर गोवा लौटने का निर्णय किया। मनोहर पर्रिकर अलग ही सांचे में ढले थे। सुरक्षाकर्मियों के बिना स्कूटर पर संचार करने वाले मुख्यमंत्री, पूरे राज्य की जिम्मेदारी निभाते वक्त अपनी पत्नी के गुजर जाने के बाद बेटे की पढ़ाई पर ध्यान देने वाले एक आदर्श पिता, हाफ शर्ट पहन कर सेना का सक्षमता से नेतृत्व करने वाले सादगीपूर्ण रक्षा मंत्री के व्यवहार ने लोगों के दिल में जगह बनायी। एक राजयोगी के रूप में यह देश उन्हें याद रखेगा। लम्बी बीमारी से पीड़ित होते हुये भी अपनी आखरी सांस तक सुशासन में लगा रहा शासक आज नहीं रहा। मनोहर पर्रिकर सुशासन के दीप स्तम्भ थे। वे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सांसद भी रहे थे। उनके निधन से गोवा सहित देश की राजनीति की अपूरणीय क्षति हुई है। स्व0 मनोहर पर्रिकर को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि।  

श्री नाईक ने दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करने के साथ-साथ ईश्वर से परिजनों को इस दारूण दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना भी की है।  

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