मुरादाबाद - कांग्रेस पार्टी ने मुरादाबाद लोकसभा सीट से उम्मीदवार के तौर पर जब राजबब्बर के नाम का एलान किया तो मुरादाबाद के कांग्रेसी कार्यकर्ताओ में ख़ुशी की लहर दौड़ गई थी जिसका जशन भी खूब मनाया गया था। ऐसा माना जा रहा था कि राजबब्बर गठबंधन उमीदवार और भाजपा के उम्मीदवार को कड़ी टक्कर देंगे जिसकी तैयारी भी उनकी टीम ने शुरू कर दी थी। 28 सदस्यी उनकी टीम जो कि बाहर से आई थी राजबब्बर के प्रचार में लग गई थी और गली - गली घूम कर जनसंपर्क भी कर रही थी और 24 मार्च को राजबब्बर होने वाले रोडशो की भी तैयारी कर रही थी ।
लेकिन अचानक वह प्रचार टीम रातो रात वापस लौट गई अब सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि राजबब्बर का नाम मुरादाबाद से वापस ले लिया गया है अब उनकी जगह उनके मुकाबले राजनीती मे गैर-तजुर्बेकार समझे जाने वाले इमरान प्रतापगड़ी का नाम मुरादाबाद लोकसभा सीट के लिए चल रहा है। ऐसे में कोंग्रेसी कार्यकर्ताओ में उदासी का सा माहौल है। कुछ कार्यकर्ताओ का तो मानना है कि राजबब्बर का नाम मुरादाबाद से वापिस लेना गठबंधन उम्मीदवार को वॉकओवर देने के बराबर है।
दरासल राजबब्बर एक जुझारू उम्मीदवार के तौर पर जाने जाते है। उनका पूर्व का चुनावी इतिहास यही दर्शाता है। फ़िरोज़ाबाद के 2009 के उपचुनावों में डिंपल यादव को राजबब्बर ने हराया था जबकि पूरा समाजवादी कुनबा अमर सिंह समेत डिंपल को चुनाव लड़ा रहा था। 2014 के लोकसभा चुनावो में भी उन्होंने भाजपा उम्मीदवार वी के सिंह को गाज़ियाबाद से कड़ी टक्कर दी थी। ऐसे में राजबब्बर का नाम मुरादाबाद से वापिस लेना विरोधी उम्मीदवारो को वॉकओवर देने जैसा कांग्रेसी कार्यकर्ताओ को लग रहा है ।
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