आज लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि देश भर के किसानों को वोट लेकर सत्ता हासिल करने वाली भाजपा के प्रतिनिधि स्वयं ही किसानों के साथ सियासत करते रहे हैं और आज कह रहे हैं कि विपक्ष सियासत कर रहा है आश्चर्य है कि किसानों को प्रत्येक मोड़ पर धोखा देने वाले लोग स्वयं को किसानों का सच्चा हमदर्द साबित करने की कोशिश कर रहे हैं वास्तविकता यह है कि किसानों को गन्ने का दाम नहीं मिल रहा है गेहूं की फसल जानवर चर गए लागत मूल्य गत वर्षो में दुगना नहीं किया गया काले धन की आड़ लेकर की गई नोटबंदी ने गरीब किसानों और व्यापारियों की कमर तोड़ दी किसानों को खाद बीज के लिए दर.दर भटकने को मजबूर होना पड़ा किसानों के लिए भाजपा सरकार ने कभी भी लाभकारी फैसले नहीं ली।
भाजपा सरकार आर्थिक मोर्चे पर भी विफल रही सरकार की आर्थिक नीतियां आम जनता के पक्ष में ना होकर बड़े औद्योगिक घरानों एवं पूंजी पतियों के पक्ष में होने के कारण भाजपा सरकार आर्थिक मोर्चे पर भी फेल रही देश में महंगाई चरम पर है देखा जाए तो देश आर्थिक विफलताओं एवं जन विरोधी नीतियों के फल स्वरुप लगभग कई वर्ष पीछे चला गया है श्री सिंह ने कहा असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए भाजपा सरकार जानी जाती है
भाजपा की सरकार ने प्रचार प्रसार में अरबों खरबों रुपए खर्च कर दिए इस सरकारी धन से राज्यों के पिछड़े राज्यों के गांव किसान बेरोजगार गरीब तबके के लोग की शिक्षा अस्पताल की व्यवस्था हो सकती थी लेकिन बीजेपी के लिए प्रचार का ज्यादा महत्व है
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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