महिला दिवस का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को जागरूक कर उनके अधिकारों को सुरक्षित करना है- रीमा मल्होत्रा


 


अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा आशा ज्योति केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में लोक बन्धु राज नारायण संयुक्त चिकित्सालय कृष्णानगर, लखनऊ में एक विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में वाक्ताओं द्वारा महिलाओं की कानूनी समस्याओं तथा सामाजिक समस्याओं के ऊपर विचार व्यक्त किये गये। साथ ही उपस्थित महिलाओं को निःशुल्क विधिक जानकारी भी उपलब्ध करायी गयी। उनकी विधिक समस्याओं जैसे विवाह एवं कानून, दहेज प्रतिषेध अधिनियम, भरण पोषण, विवाह विच्छेद, दाम्पत्य सम्बन्धों का पुर्नस्थापन आदि से सम्बन्धित विधियों के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा की गयी। 

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ की सचिव श्रीमती रीमा मल्होत्रा ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास और वर्तमान परिवेश में आधी आबादी की हर क्षेत्र में भागीदारी पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम न्यूयार्क में 1909 में महिला दिवस 28, फरवरी को मनाया गया। उसके बाद 1917 में 8 मार्च को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया, वर्ष 1975 में संयुक्त राष्ट्र संघ में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाना प्रारम्भ किया। उन्होंने बताया कि महिला दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लिंग भेद को दूर करना और महिलाओं के अधिकारों के बारे में महिलाओं को जागरूक करना, उनके अधिकारों को सुरक्षित करना तथा महिलाओं को उनका स्थान दिलाना, समाज में बेटी के अस्तित्व को बचाना, कन्या भ्रूण हत्या जैसे क्रूर कृत्य को समाज से मिटाना है। 

इस कार्यक्रम में सदस्य महिला आयोग उ0प्र0 श्रीमती कुमुद श्रीवास्तव, जिला प्रोबेशन अधिकारी जयपाल वर्मा सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहें।

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