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लोकसभा चुनावों में जनता को बहकाने और भटकाने का खेल भाजपा का एजेण्डा है : अखिलेश यादव


लखनऊ - समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री  अखिलेश यादव ने कहा है कि लोकसभा चुनावों में जनता को बहकाने और भटकाने का खेल भाजपा का एजेण्डा है। पांच साल केन्द्र में और दो साल राज्य में भाजपा की सरकारों ने प्रशासन और सत्ता का सिर्फ दुरुपयोग करना सीखा और जनहित में कोई कदम नहीं उठाया, अब जब मतदाताओं के सामने जाने का मौका आया है तो वे फरेब के साथ कामों का इंद्रजाल दिखाकर भ्रम फैलाना चाहते हैं। 

       अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की विकास में कभी कोई रूचि नहीं रही। गरीब, किसान, नौजवान के हितों की भी उसने कभी सुध नहीं ली। मंहगाई बढ़ती गई, किसान आत्महत्या करते रहे, व्यापारी लुटते रहे हैं, व्यापारियों की हत्याएं हो रही है और महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। भाजपा को कभी इनकी चिंता नहीं हुई। गरीब और गरीब होता गया। देश के कुल आधा दर्जन घरानों में देश की पूंजी समाहित हो गई। जनता की गाढ़ी कमाई बैंकों में जमा हुई जिसे लेकर बड़े उद्योगपति विदेश भाग गए।

       भाजपा का वादा था कि सत्ता में आने के 14 दिनों के अंदर गन्ना किसानों का बकाया अदा कर दिया जाएगा। दो साल हो गए गन्ना किसान आज भी बकाये के लिए मिलों का चक्कर लगा रहा हैं। अब किसानों को धोखा देने के लिए गन्ना किसानों का मतदान से पहले कुछ बकाया अदा करने का दिलासा दिया जा रहा है। यह काम चुनावी आचार संहिता की धज्जियां उड़ाने का होगा। इसका चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि यह सीधा-सीधा मतदाता किसान को प्रलोभन देना है। 

        प्रधानमंत्री जी के वादों का पूरा होना अब पूरी तरह नामुमकिन हो गया है। इसलिए वे दूसरों की आलोचना तो खूब कर रहे है परन्तु कहीं यह हिसाब नहीं देते कि सन् 2014 में उन्होंने जो वादे किए थे उनका क्या हुआ? इसकी जगह वे नए-नए मुद्दे उछाल रहे हैं। बिडम्बना है कि अब तक शून्य रिपोर्ट कार्ड वाले मुख्यमंत्री जी भी उन्हीं की भाषा बोल रहे है। ये सब एक झूठ सौ बार दुहराने से सच हो जाता है। 

        भाजपा नेता चाहे जितनी कवायद करें, मतदाता उनकी रग-रग से वाकिफ हो चला है। उसे मालूम है कि पिछले वादों की तरह नए वादे भी भूल भुलैया साबित होंगे। इन चुनावों में लोकतंत्र और संविधान की मर्यादाओं की सुरक्षा का प्रश्न भी महत्व का है। देश की एकता में दरारे पैदा करनेवाली नफरत की राजनीति के दिन अब गिने चुने रह गए हैं। ईवीएम मशीनों पर बटन दबाकर उत्तर प्रदेश में जनता समाजवादी पार्टी गठबंधन के प्रत्याशियों को ही विजयी बनाएगी। भाजपा को उत्तर प्रदेश में अब एक भी सीट मिलने के लाले पड़ सकते है।

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