लोकसभा चुनाव 2019 गाज़ियाबाद का चुनावी संग्राम



देश की राजधानी दिल्ली से सटी उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद लोकसभा सीट अभी भारतीय जनता पार्टी के पास है।  इस सीट पर दो ही बार लोकसभा चुनाव हुए हैं और दोनों ही बार ये सीट बीजेपी के खाते में गई है।  गाजियाबाद लोकसभा सीट की गिनती प्रदेश की वीआईपी सीटों में होती है।  पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सेंटर के तौर पर भी गाजियाबाद सीट अहम मानी जाती है।  पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह अभी इस सीट से सांसद हैं। 


   


गाजियाबाद लोकसभा सीट का इतिहास


गाजियाबाद लोकसभा सीट काफी नई है।  अभी तक यहां पर दो बार ही चुनाव हुआ है पहला 2009 और फिर 2014  ये सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद ही अस्तित्व में आई. पहली बार 2009 में जब यहां से चुनाव हुए तो मौजूदा केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रह चुके राजनाथ सिंह ने यहां से बड़े अंतर से चुनाव जीता था।  लेकिन 2014 में राजनाथ सिंह लखनऊ चले गए और ये सीट वीके सिंह को मिली. हालांकि, चुनाव से पहले वीके सिंह को टिकट दिए जाने का काफी विरोध हुआ था। 


गाजियाबाद लोकसभा के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटें


गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद और धोलाना जैसी सीटें शामिल हैं. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से सिर्फ धोलाना सीट बहुजन समाज पार्टी के खाते में गई थी, जबकि अन्य सभी 4 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा था.


 


2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे


 जनरल वीके सिंह, भारतीय जनता पार्टी, कुल वोट मिले 758,482, 56.5%

राज बब्बर, कांग्रेस, कुल वोट मिले 191,222, 14.2%


मुकुल, बहुजन समाज पार्टी, कुल वोट मिले 173,085, 12.9%


2009 लोकसभा चुनाव के नतीजे


राजनाथ सिंह , भारतीय जनता पार्टी, कुल वोट मिले 359637 , 43. %


सुरेंद्र प्रकाश गोयल कांग्रेस ,कुल वोट मिले 268956 , 32 . 41 %


पंडित अमर पाल शर्मा , कुल वोट मिले 180285 , 21 %


2019  लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्यासी वीके सिंह 



सेना प्रमुख रह चुके वीके सिंह ने 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले ही भारतीय जनता पार्टी में एंट्री मारी थी. 2010 से लेकर 2012 तक वह सेना प्रमुख रहे, हालांकि यूपीए सरकार के आखिरी दिनों में उनकी उम्र को लेकर काफी बड़ा विवाद छिड़ा था. 2014 में गाजियाबाद से बड़ी जीत हासिल करने का ईनाम वीके सिंह को केंद्र सरकार में मंत्री बनकर मिला। 


2014 से ही वह विदेश राज्य मंत्री के पद पर हैं, सीरिया-इराक जैसे देशों में मुश्किल समय में भारतीयों को निकालने में वीके सिंह ने काफी अहम भूमिका निभाई थी. मंत्री पद पर रहने के बाद वीके सिंह अपने बयानों के कारण चर्चा में रहे थे, मीडिया को लेकर उन्होंने कई बार अभद्र टिप्पणी भी की है।  ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, वीके सिंह के पास 4 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। 


2019  लोकसभा चुनाव में कांग्रेस  प्रत्यासी डॉली शर्मा 



कांग्रेस ने डॉली शर्मा को गाजियाबाद संसदीय सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। डॉली शर्मा 2017 में मेयर का चुनाव लड़ी थी  मेयर के चुनाव में डॉली शर्मा को 120,000 वोट मिले थे और वह बीजेपी उम्मीदवार आशा शर्मा के मुकाबले दूसरे स्थान पर रही थीं। डॉली मेयर का चुनाव ज़ोरदार  लड़ी थी और भाजपा का गढ़ मने जाने वाले गाजियाबाद में  दूसरे  नंबर पर आकर उन्होंने सबको चौका दिया था। डॉली 2017 से ही लोकसभा चुनावो की तैयारी में जुट गई थी। डॉली  शर्मा एक किसान परिवार से हैं और उन्होंने एमबीए की डिग्री हासिल कर रखी है।
उनके पिता नरेंद्र भारद्वाज कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हैं और उनके दादा भी कांग्रेसी रहे हैं।



2019  लोकसभा चुनाव में गठबंधन से सपा   प्रत्यासी सुरेश बंसल 


गाजियाबाद से सुरेश बंसल को अपना उम्मीदवार बना कर समाजवादी पार्टी ने एक बड़ा दांव खेला है। सुरेश बंसल वैश्य समाज से आते हैं जो परंपरागत रूप से भारतीय जनता पार्टी का वोटर रहा है। वैश्य समाज में सुरेश बंसल की अच्छी पैठ भी मानी जाती है। बंसल विधायक भी रह चुके है। 


 


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