कुछ इस तरह मोदी के चौकीदार कैम्पेन का जवाब दिया आज़म खान ने



 


रामपुर -  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए जा रहे अभियान मैं भी चौकीदार  पर कटाक्ष करते हुए सपा नेता आजम खान ने कहा कि देखिए इन जुम्लों नारों से बात नहीं बनने वाली, चुनाव है यह बताना पड़ेगा कि 20 लाख रूपया हर व्यक्ति के घर तक पहंुचा या नहीं। हर साल दो करोड़ नौकरियां देने के वायदे में 10 करोड़ नौकरियां मिली कि नहीं ? जीएसटी से लोगों को कितना लाभ हुआ इसका आंकड़ा बताना पड़ेगा। आरबीआई के डायरेक्टर ने क्यों ऐसा कहा क्यों इस्तीफा दिया यह बताना पड़ेगा। नोटबंदी बगैर आरबीआई की सहमति बगैर इजाजत के कर दी गई इसकी क्या वजह थी यह बताना पड़ेगा। देश के खजाने का अस्सी प्रतिशत पैसा केवल देश के 10 पूजीपतियों को देकर उनके कर्जे माफ कर दिये गये और किसान आत्महत्या करता रहा इसकी वजह बताना पड़ेगी। यह बताना पड़ेगा कि तीन तलाक के मामले में मुसलमान मर्द को तीन साल की सजा और दूसरे धर्मों के लोग जो तलाक देते हैं जिनका रैशो मुसलमानों की तलाक से कई सौ गुना ज्यादा है उन्हें कितने बरस की जेल होगी। गंगा साफ क्यों नहीं हुई। राममंदिर क्यों नहीं बना। बाबरी मस्जिद तोड़ दी गई यह ब़ड़ा गुनाह था। एक इबादतगाह तोड़ी गई लेकिन दूसरी इबादतगाह बनी क्यों नहीं। यह जानना जरूरी है यह बताना जरूरी है इस मुददे पर सरकार आई थी सरकार बनी थी आज यह मुददा कहां चला गया। पुलवामा जैसे दर्दनाक सानेहा (hadsa) के बाद वो कार्रवाई क्यों नहीं हुई जो एक खुददार गैरतदार कौम को करना चाहिए। अगर मैं वजीर ए आजम होता तो मैं शूटिंग में शरीक नहीं होता बल्कि शूट करने के लिए निकल जाता। यह छिछौरी बातें हैं, यह नौटंकी की बाते हैं इनसे कहीं चुनाव लड़े जाते हैं। मैं कह दूं होशियार खबरदार यह बात क्या हुई। इतना स्तर गिरा देंगे आप प्रधानमंत्री के पद का। कितना स्तर गिरायेंगे। 135 करोड़ के हिन्दुस्तान का वजीर ए आजम दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र इसी में फंसा हुआ है। चैकीदार होशियार खबरदार यह क्या बातें हुई हिसाब दीजिए। जो सर ले गया था सरहदों पार वाला उन सरों का हिसाब कितना हुआ। 


      गुजरात के पूर्व मुख्य मंत्री शंकर सिंह वाघेला  के घर  चोरी होने की खबर का हवाला देते हुए आजम खान ने कहा की शंकर सिंह वाघेला जी जो हमारे मित्र थे पहले हमारी पार्टी में भी थे फिर फासिस्टों के साथ चले गये। उनके यहां चोरी होने का मुझे दुख है। बल्कि इस बात का दुख नहीं है बल्कि इस बात की हैरत है कि पूरे देश के लिए संदेश है कि चैकीदार बहुत देखभाल के रखें। क्योंकि खबर यह है कि उनके घर चैकीदार ने चोरी कर ली। चैकीदारा देखभाल कर कराऐं और अगर चैकीदार भरोसे का न हो तो खुद ही सीटी डण्डा लेकर गेट पर बैठें। मालिक का काम भी खुद करें और चैकीदारा भी खुद करें।  


टिप्पणियाँ