किसके हाथ लगेगी बाज़ी जयाप्रदा या सीमा नक़वी



 


रामपुर :भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के 28 वर्तमान सांसदों का टिकट काट दिया है उनमे रामपुर के सांसद नेपाल सिंह का नाम भी है। उनका नाम कटने की सूचना तो अब आई है लेकिन इसका अंदाजा पहले से ही था शायद यही वजह है के भाजपा के टिकट की दौड़ में आधा दर्जन से भी अधिक भाजपा नेता लगे हुए थे।


      भारतीय जनता पार्टी के टिकट के लिए चल रही इस दौड़ के अंतिम राउंड में अब दो ही नाम चर्चा में है। इन मैं एक बड़ा नाम है रामपुर की पूर्व सांसद और फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा का जो पिछले काफी दिनों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में बयान दे रही थी।  उनके इन बयानों से ही लोग अटकले लगा रहे थे कि शायद रामपुर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर दो बार सांसद बन चुकी फिल्म अभिनेत्री जयप्रदा इस बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर संसद पहुंचने की फिराक में हैं। उधर भाजपा के स्थानीय नेताओं की गुटबंदी एक दूसरे के विरोध के चलते भी भारतीय जनता पार्टी को किसी बाहरी प्रत्याशी पर ही दांव लगाना ठीक लग रहा था। जिताऊ कैंडिडेट की तलाश में पूर्व सांसद और फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा का नाम सर्वोपरि था लेकिन अचानक एक ऐसा नाम जो कि अपने आप में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व तक सीधे पहुंच रखता है वह सामने आया है केंद्रीय सरकार में कैबिनेट मंत्री और रामपुर से भाजपा के टिकट पर सांसद रह चुके मुख्तार अब्बास नकवी की पत्नी सीमा नकवी का। चर्चा है कि सीमा नकवी का नाम उनके पति और भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व मैं अपना स्थान रखने वाले मुख्तार अब्बास नकवी ने रामपुर लोकसभा सीट के लिए प्रपोज किया है। 




    सीमा नकवी सीधे तौर पर भले ही राजनीति में ना रही हों लेकिन मुख्तार अब्बास नकवी की राजनीति में उनका योगदान किसी से छुपा नहीं है। छात्र जीवन से ही सीमा नकवी मुख्तार अब्बास नकवी के लिए प्रेरणा स्त्रोत रही है और हर हर कदम पर उनके लिए न केवल मददगार बल्के मजबूत स्तंभ भी साबित हुई है। पिछले 2014 के चुनाव में मतदान करने अपने पति मुख्तार अब्बास नकवी के साथ पहुंची सीमा नकवी ने वोट डाला था तब भले ही सीधे तौर पर उनके पति चुनाव में ना हो और यह वोट उनके लिए ना हो लेकिन शायद उसी वोट के चलते 2014 में केंद्र में बनी मोदी सरकार में उनके पति केंद्रीय राज्य मंत्री बने और फिर केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री का स्थान ग्रहण किया।

     

      2009 के चुनावों में जब उनके पति मुख्तार अब्बास नकवी रामपुर से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे तब उन को फिल्म अभिनेत्री जयप्रदा ने हीं मात दी थी। उस समय जयप्रदा समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही थी लेकिन उन्होंने जो वोट आये थे उनमें ज्यादातर भारतीय जनता पार्टी के बैंक वोट थे। ऐसा कहने के पीछे तर्क यह है कि उस चुनाव में नकवी साहब को मात्र 60000 वोट पर सन्तोष करना पडा था  थे जबकि रामपुर जिले में भारतीय जनता पार्टी का वोट बैंक डेढ़ लाख से दो लाख के बीच माना जाता है। 

यह फिल्म अभिनेत्री जयप्रदा का ही आकर्षण था कि जिसने दो तिहाई से अधिक भाजपा के वोट बैंक को खिसका दिया था और समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी होने के बावजूद वह बीजेपी का बैंक वोट पाने मे सफल रही। देखना यह होगा की फायनल राउंड मे अब ऊंट किस करवट बैठता है। क्या जयाप्रदा जैसी जिताऊ प्रतीयाशी  को भाजपा टिकट देगी या फिर पारिवारिक पहुंच के सहारे सीमा नक़्वी भाजपा का टिकट पाने मे सफल रहेंगी।


 



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