अमरोहा : प्रेस क्लब वैलफेयर सोसाइटी की चुनाव प्रक्रिया के दौरान मोहम्मद परवेज आलम को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। रविवार की रात मोहल्ला कोट स्थित आवास पर पत्रकारों की बैठक में प्रेस क्लब के निर्वतमान अध्यक्ष महेंद्र सिंह मौर्या ने अध्यक्ष पद के लिए मोहम्मद परवेज आलम का प्रस्ताव रखा। जिसपर पत्रकारों ने एकराय होकर सहमति जता दी। वरिष्ठ पत्रकार नासिर अली,मोहम्मद फहद, डा.दीपक अग्रवाल, मरगूब हुसैन व नकी मेहंदी अमरोहवी ने संयुक्त रूप से एकजुटता का आह्वïान किया। नवनिर्वाचित अध्यक्ष मोहम्मद परवेज आलम ने आभार जताते हुए सभी को साथ लेकर चलने का विश्वास दिलाया। इस दौरान डा.दीपक अग्रवाल, नासिर अली, महेंद्र सिंह मौर्या, मरगूब हुसैन, मोमेनीन कुरैशी, मोहम्मद फहद, अब्दुल सलाम, नकी मेहंदी, मुजीब बछरायंूनी, विनित अग्रवाल, अली आब्दी, गुफरान आबिद, सैयद जमशेद,मोहम्मद फैसल, इमरान खान, शाहरूख सैफी, प्रबल प्रभाकर, सालार गाजी, मोहम्मद माजिद, कमाल नकवी, अनिल चौहान, मुकेश अग्रवाल, नवीन सक्सैना, जावेद अली, उवैस खान, मुजाहिद अब्बास, इमरान तकवी, अफसर अली, अजीम शेख, फैय्याज अय्यूबी, फहीम अहमद आदि मौजूद थे। उधर, अखिल भारतीय संयुक्त व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष मरगूब सिद्दीकी ने पदाधिकारियों संग प्रेस क्लब के नवनिर्वाचित अध्यक्ष का फूल माला पहनाकर स्वागत किया। फैसल जफर, अजीम अहमद, गुफरान अहमद, यामीन फारूकी, गौरव वर्मा, फैसल लतीफ, फहीमुद्दीन उर्फ गुड्डू व सभासद नूर फैजी मौजूद रहे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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