अमरोहा : मजलिस का हुआ आयोजन


 



अमरोहा, सैयद चमन मुजतबा इब्ने सफदर मुजतबा मरहूम के चेहलुम के मौके मजलिसे अजा मोहल्ला गुजरी स्थित अजाखाना मुसम्मात सुगरन में हुई। जिसमें सोजख्वानी हसन इमाम व हमनवा ने की। मकसूद अमरोहवी व हसन मुजतबा वाहिद ने मन्जूम नजराना-ए-अकीदत पेश किया। मजलिस को खतीबे आले मोहम्मद डा. हसन अखतर नौगांवी ने कहा कि नबी-ए-करीम स.अ. ने फरमाया है कि इंसान को हर वक्त अपनी मौत को याद रखना चाहिये जिससे कि गुनाहों से बचा जा सके। अगर इंसान को आखिरत का खौफ  होगा तो वह हर काम को सोच समझकर करेगा। हमें गुनाहों से बचना चाहिये क्योंकि पता नहीं कब मौत हमारे सर पर आ जाये और हमें अपने गुनाहों से तौबा करने का भी मौका न मिल सके। उन्होंने कहा कि अच्छे लोगो को मरने के बाद भी याद किया जाता है। इसीलिये मरहूम चमन मुजतबा के मरने के बाद उन्हें याद करने के लिये एक बड़ी तादाद में लोग यहां जमा हुए हैं। यह उनके मोमिन होने का सुबूत है। मौलाना ने कहा कि अहले बैत ने अपने किरदार और अखलाक के जरिये से हमे एसी जिन्दगी गुजारने का सबक सिखाया जिसके जरिये हम अपनी दुनियावी और आखिरी जिन्दगी को बेहतर बना सकते हैं। मजलिस में समर मुजतबा, शाने मुजतबा, मौलाना कौसर मुजतबा, ताजदार मुजतबा, शानदार अमरोहवी, मुसर्रत मुजतबा, नायाब मुजतबा, शबाब मुजतबा के अलावा बड़ी तादाद में लोग मौजूद रहे।


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