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अमरोहा : मदरसे में हुआ दस्तारबंदी कार्यक्रम



अमरोहा, धनौरा मार्ग स्थित मदरसा दारुल उलूम रशीदिया में 16 तालिबेइल्मों की दस्तारबंदी की गई। उलेमाओं ने दीन के रास्ते पर चलकर सुन्नतों पर अमल करने की ताकीद की।  मंगलवार की रात मदरसे में मुनक्किद इस जलसा-ए-दस्तारबंदी की शुरूआत तिलावते कलामे इलाही से हुई। हिफ्ज से फारिग तालिबेइल्मों ने कुरान करीम सुनाया। जलसे में बतौर मेहमाने खुसूसी शिरकत के लिए आए आलिमेदीन मुफ्ती सैयद सलमान साहब ने तालिबेइल्मों को दीन की रस्सी को मजबूती से पकड़कर आगे चलने का दर्स दिया। फरमाया कि अल्लाह जिससे चाहता है दीन का काम ले लेता है। ये आपकी खुशनसीबी है कि अल्लाह ने इस काम के लिए चुना है। लिहाजा, सच्चे दिल से इस्लाम की खिदमत कीजिए और दूसरे लोगों को भी दीन की हकीकी तस्वीर से रूबरू कराने की जिम्मेदारी निभाईए। जामिया इस्लामिया अरबिया जामा मस्जिद अमरोहा के सदरे मुदर्रिस मुफ्ती सैयद मोहम्मद अफ्फान मंसूरपुरी ने कहा कि दुनिया के तमाम मसाइल का हल कुराने करीम में मौजूद है। जरूरत है अल्लाह के इस सच्चे कलाम पर अमल करने की। आगे फरमाया कि जिसनेकुरान को तर्जुमे के साथ पढ़कर तालीमात को जिंदगी में शामिल कर लिया तो यकीनन उसे तमाम परेशानियों से निजात मिल जाएगी। उलेमाओं ने इस दौरान मदरसे की तरक्की के लिए खुसूसी दुआ कराई। सदारत मुफ्ती शाहिद साहब ने की। नसीम खान, डा.सुहैल, डा.साजिद, मुम्ताज खान, मोहम्मद जाहिद, हाजी रिजवान, छोटे भाई आदि मौजूद रहे। आखिर में कारी अलीम साहब ने शुक्रिया अदा किया।


 


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