अमरोहा -जाफर पब्लिक स्कूल में कौमी काउन्सिल बराए फरोगे उर्दू जबान और जाफर एजूकेशनल सोसाइटी के जेरे एहतमाम एक सेमिनार बा उनवान कफील आज़र शख्सियत और फन आयोजित किया गया जिसकी सदारत डा0 मिस्बाह अहमद सिददीकी ने की तथा संचालन शीबान कादरी ने किया। प्रोग्राम का आगाज तिलावते कलामे पाक से मौलाना इन्तखाब ने किया तथा नाते पाक का नजराना कैसर मुजतबा व असलम बकाई ने पेश किया। उसके बाद शौक अमरोहावी, और मौलाना अतीकुर्रहमान ने कफील आज़र की हयात पर रौशनी डाली और उनकी शायरी के बारे में तफसील से बताया। पूर्व चेयरमैन डा0 अफसर परवेज ने भी उनकी शायरी पर अपने खयाालात का इजहार किया। आखिर में डा0 मिस्बाह अहमद सिददीकी ने कहा कि अमरोहा के शाइर कफील आज़र ने फिलमी दुनिया मे गाने पेश करके अमरोहा का नाम रौशन किया और उनको भी एक गैर मामूली शोहरत हासिल हुई। उनकी मशहूर गजल बात निकले गी तो फिर दूर तलक जायेगी। रईस अहमद ने कहा कि कफील साहब ने बड़ी मेहनत और हिम्मत के साथ इस मुकाम को हासिल किया था।आज हम उनको याद करने के लिये यहां जमा हुए है।ं
कफील आजर के छोटे बेटे यावर कफील ने कहा कि वालिद साहब ने तकरीबन 45 फिल्मों में गीत लिखें जिनमें धूप का दरीचा, आसमान ख्वाबों का, एक हसीना दो दीवाने, मदीने की गलियां वगैरह काबिले जिक्र है। इनके अलावा मुस्तजाब अहमद शैले, शौक अमरोहवी, इकबाल खां, शहाब अनवर वगैरह ने भी अपने खयालात का इजहार किया। दिल्ली से आऐ मुख्य अतिथि मतीन अमरोहवी ने भी कफील आज़र की शाइरी और उनकी जिन्दगी पर अपने खयालात का इजहार किया।इस अवसर पर इकबाल खां, खालिद सिददीकी, सलीम जाफर, नदीम जाफर, हसन जाफर, बाबर खां, अजीम अहमद, बाबरा कफील, रूकया सलीम, नाजमीन, नीलो, नाहिद, कमर आलम, आलमगीर, खुर्शीद आलम, सरवर बेग, इ0 फूरकान,कौसर अली अब्बासी, जावेद इकबाल, आदि लोग मौजूद रहे। आखिर मे सोसाइटी के सदर हसन जाफर ने सभी का शुक्रिया अदा किया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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